पूजा पंडाल में लापता लोगों का पता लगाने के लिए आया 'बंधु' ऐप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में भीड़ में लापता होने वालों को ढूंढने और मानव तस्करी के मामलों से निपटने के लिए ‘बंधु’ नाम का एक मोबाइल फोन ऐप का इस्तेमाल कर रही है।
कोलकाता पुलिस ने पिछले साल ‘बंधु’ ऐप की शुरुआत की थी ताकि लोग किसी खतरे की स्थिति में घबराहट वाला बटन दबाकर लालबाजार नियंत्रण कक्ष को सतर्क कर सकें और अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। पहले ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जब दुर्गा पूजा के दौरान शहर की सैर पर निकले लोग भीड़ में लापता हो जाते हैं और बाद में पुलिस उन्हें ढूंढ निकालती है।
पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा ने बताया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब लोग दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में घूमने आए लोगों की भीड़ का फायदा उठाकर जानबूझकर अपने बच्चों या बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा कि त्योहार के दौरान बच्चों के मानव तस्करों के जाल में फंसने की भी आशंका रहती है। इस बीच राज्य के दुर्गा पूजा पंडालों में विकलांगों के लिए भी विशेष सुविधा की गई है। विकलांगों को ध्यान में रखकर पंडाल बनाए गए हैं।
शहर के बालीगंज इलाके में पंडाल के मुख्य रास्ते पर ही दुर्गाजी की विशाल मूर्ति बनाई गई है, जिसे बनाने में 20000 से अधिक स्क्रू का इस्तेमाल किया गया है, जहां दिव्यांग जन उसे और पंडाल की कलाकृति को महसूस कर सकते हैं। पंडाल के दोनों ओर ब्रेल लिपि में दुर्गा मंत्र और श्लोक लिखे हुए हैं, जिसे वे आसानी से पढ़ सकते हैं। (भाषा)