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Last Modified: सोमवार, 13 अगस्त 2018 (20:08 IST)

अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोकी, वैष्णोदेवी में हाई अलर्ट

अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोकी, वैष्णोदेवी में हाई अलर्ट - Amarnath Yatra
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस पर कितना खतरा मंडरा रहा है, यह इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू में ही रोकने का आदेश जारी किया है। वैष्णोदेवी में भी सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर इसलिए रखा गया है, क्योंकि सूचनाएं कहती हैं कि आतंकी हमला बोल सकते हैं। इस बीच आतंकियो ने पुलवामा में एक युवक को अगवा कर मार डाला है।
 
 
अमरनाथ यात्रा को रोकने का फैसला रविवार देर रात को लिया गया था। रविवार को हुए इस निर्णय के मुताबिक सोमवार से बुधवार के बीच किसी भी व्यक्ति को जम्मू में यात्रा के आधार शिविर भगवती नगर से कश्मीर घाटी में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
 
इस निर्णय के बारे में बताते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यात्रियों के जत्थे को जम्मू आधार शिविर में रोका गया है। हालांकि बालटाल और पहलगाम में मौजूद यात्रियों को पवित्र गुफा में दर्शन के लिए जाने की अनुमति दी गई है। याद रहे, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले ही कश्मीर घाटी में तनाव को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। 28 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक लगभग 2.79 लाख तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।
 
दूसरी ओर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी साजिश होने के खुफिया इनपुट मिलने के बाद अब एजेंसियों ने राज्य के सभी सार्वजनिक स्थानों पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में स्थित सुरक्षा प्रतिष्ठानों, माता वैष्णोदेवी मंदिर और जम्मू शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, वहीं श्रीनगर में भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा एजेंसियों द्वारा सीमा और एलओसी पर सुरक्षाबलों को भी पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
 
इस बीच दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों द्वारा बीती रात अगवा किए गए एक युवक का गोलियों से छलनी शव सोमवार सुबह एक बाग में मिला। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके वारिसों के हवाले कर दिया है। किसी आतंकी संगठन ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है।
 
यहां मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह बुनपोरा, पुलवामा में लोगों ने गांव के बाहरी छोर पर स्थित बाग में एक युवक का गोलियों से छलनी शव देखा और उसी समय पुलिस को सूचित किया। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उसने शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने दिवंगत के बारे में जब छानबीन की तो पता चला कि वह बुनपोरा के रहने वाले अब्दुल गनी बट का बेटा गुलजार अहमद बट है।
 
पोस्टमॉर्टम व अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पुलिस ने दिवंगत का शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि दिवंगत गुलजार अहमद बट जिला अनंतनाग के बीजबेहाड़ा में एक मेडिकल क्लिनिक चलाता था। उसका एक आई क्लिनिक भी था। वह गत अपराह्न 4.30 बजे अपने घर लौटा था।
 
उसे आतंकियों ने घर से अगवा किया था या किसी और जगह से अभी इस तथ्य का पता किया जा रहा है। बीती रात 10 बजे स्थानीय लोगों ने गांव के बाहरी छोर पर गोलियों की आवाज सुनी थी लेकिन डर के मारे कोई घर से बाहर नहीं निकला था। सोमवार सुबह जब लोग घरों से बाहर निकले और उस जगह पहुंचे, जहां से गोलियों की आवाज आई थी तो उन्हें वहां गुलजार का शव मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार आतंकियों को गुलजार पर सुरक्षाबलों का मुखबिर होने का संदेह था इसलिए उन्होंने उसे मौत के घाट उतारा है।
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