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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 22 जनवरी 2024 (10:33 IST)

22 जनवरी 2024 श्री रामलला मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस विशेष

Ram Mandir Ayodhya : रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह कार्यक्रम लिस्ट

Ram Mandir Ayodhya
Ram Mandir Pran Pratishtha Mahotsav: अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी 2023 सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह हो रहा है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गर्भगृह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदबाई पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई प्रमुख पुजारी, यजमान, जजमान और साधु संत उपस्थित रहेंगे।
आज और कल राम लला का नित्य पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य, प्रातः शर्कराधिवास, फलाधिवास, प्रासाद का 81 कलशों में स्थित विविध औषधियुक्त जल से स्नपन, प्रासाद का अधिवासन, पिण्डिका अधिवासन, पुष्पाधिवास, सायंकालिकपूजन एवं आरती होगी।
जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी वह लगभग 150-200 किलोग्राम की है। 18 जनवरी को, मूर्ति को मंदिर के 'गर्भ गृह' में अपने स्थान पर आसन पर स्थापित किया गया था। भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है। अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे। श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी अनुष्ठान की सभी प्रक्रिया को पूरा करेंगे और प्रमुख आचार्य काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।
मुख्य कार्यक्रम:-
  • 16 जनवरी: प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन
  • 17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
  • 18 जनवरी (शाम): तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास
  • 19 जनवरी (सुबह): औषधधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास
  • 19 जनवरी (शाम): धान्याधिवास
  • 20 जनवरी (सुबह): शर्कराधिवास, फलाधिवास
  • 20 जनवरी (शाम): पुष्पाधिवास
  • 21 जनवरी (सुबह): मध्याधिवास
  • 21 जनवरी (शाम): शैयाधिवास
  • 22 जनवरी (दोपहर): प्राण प्रतिष्ठा, पूजा और आरती।
Ram Mandir Ayodhya
Ram Mandir Ayodhya
मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और अन्य समारोह के बाद मंदिर में दर्शन सुबह 7 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक किया जा सकेगा। प्रतिदिन 3 आरती क्रमशः सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे की जाएंगी। 
 
  1. सुबह:- 6.30 बजे- श्रृंगार/जागरण आरती
  2. दोपहर:- 12.00 बजे - भोग आरती
  3. शाम:- 7.30 बजे - संध्या आरती 
 
भगवान रामलला का मंदिर विक्रमादित्य के काल से ही जन्मभूमि पर विद्यमान था। परंतु सोलहवीं शताब्दी में विदेशी आक्रान्ता बाबर के द्वारा मंदिर को तोड़ दिया गया था। जिसके बाद से जन्मभूमि को लेकर विवाद की स्थिति बनी रही है। लगभग 500 वर्ष बाद पुनः जन्मभूमि पर श्री राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है।
काशी के विद्वान पण्डितों द्वारा पौष शुक्ल द्वादशी विक्रम सम्वत 2080 तद्नुसार 22 जनवरी 2024 को श्री रामलला के पावन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दोपहर 12:29:08 से 12:30:32 के मध्य लगभग 84 सेकण्ड का चयन किया गया है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि तथा अमृत सिद्धि जैसे योग इस मुहूर्त को और भी अधिक शुभ बनाते हैं। सनातन धर्म के विश्व भर के करोड़ों अनुयायियी द्वारा यह दिन एक दैवीय उत्सव और दिवाली के रूप में मनाया जा रहा है। इस दैवीय उत्सव की तैयारी न केवल अयोध्या धाम अपितु संपूर्ण विश्व में की गयी है। चारों और वातावरण राममय हो गया है।  
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