क्यों मनाया जाता है भाई भिन्ना का पर्व?
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी को भाई भिन्ना पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि आखिर क्या है भाई भिन्ना त्योहार, कैसे और क्यों मनाते हैं इसे।
1. भाई भिन्ना को गूगा पंचमी और गोगा पंचमी भी कहते हैं।
2. इस दिन बहनें भाइयों के मस्तक पर टीका कर उन्हें मिठाई खिलाती हैं तथा स्वयं चना और चावल का बना हुआ बासी भोजन करती हैं। बदले में भाई यथाशक्ति बहनों को द्रव्य उपहार आदि भेट करते हैं। इसीलिए इस भाई भिन्ना पर्व भी कहते हैं।
3. इस दिन गोगादेव और नागदेवता की पूजा की जाती है। गोगा पंचमी के दिन जाहरवीर गोगाजी की पूजा करने से गोगाजी महाराज सर्प के काटने से हमारी रक्षा करते हैं।
4. मान्यता है कि गोगादेव बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं। माताएं गोगा देव और नागदेव को भाई मानकर अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए गोगादेव और नागदेव की पूजा करती हैं तथा बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
5. इस दिन पूजा के पूर्व दीवार को साफ-सुथरी करके गेरू से पोतकर दूध में कोयला मिलाकर चौकोर चौक बनाया जाता है। उसके ऊपर 5 सर्प बनाए जाते हैं। फिर उसके बाद कच्चा दूध, पानी, रोली व चावल अर्पित किए जाते हैं तथा बाजरा, आटा, घी और शकर मिलाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है।
6. ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन अगर नि:संतान महिलाएं गोगादेव का पूजन करें तो उनकी गोद भी जल्दी भर जाती है। इस व्रत के करने से स्त्रियां सौभाग्यवती होती हैं। उनके पतियों की विपत्तियों से रक्षा होती है और मनोकामना पूरी होती है।
7. पंचमी तिथि शाम को 6:48 शुरू होगी व 28 अगस्त रात 8:56 खत्म होगी।