Republic Day Poem : भारत माता हम सबकी जान है
याद तो बहुत आती है
आंखें भी भर जाती हैं
दूर हूं तुझसे इतनी कि तेरी
सीमा भी नजर न आती है
तू तो रही है सदा से आरजू मेरी
मेरी भारत माता
तू तो बसी है मेरे मन में पर
क्या करूं यहां से तुझे न देखा जाता
वो मेरा प्यारा सा गगनचुंबी हिमालय
वो बहती गंगा की धारा
वो विशाल पूरब के मंदिर
वो पश्चिम का द्वारा
वो दक्षिण में रामेश्वरम् और
वो उत्तर का प्यारा सा नजारा
जिसे देख खिल जाती मन की बगिया
ऐसा है तिरंगा प्यारा हमारा
तुझे सताने को दुश्मन रहते सदा तैनात
करते वार पहला वो हरदम
पर खाते हैं हरदम जोरों की मात
क्योंकि हम सब एक हैं तू है हमारा हिन्दुस्तान
तू है हम सबकी जान और शान
कभी आए गोरे, कभी आए आतंकवादी
कभी सताया मंदिरों में जाकर तो कभी की गेटवे ऑफ इंडिया में बर्बादी
फिर भी न पा सके वो हमको क्योंकि हम सब एक हैं भारतवासी
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द।