किसका होगा गुजरात? भाजपा और कांग्रेस के अपने अपने दावे...
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण से 2 दिन पहले और मतगणना से 5 दिनों पहले ही भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए पहले चरण के चुनाव का हवाला दिया है।
भाजपा ने शनिवार को दावा किया कि वह विधानसभा चुनाव में पहले के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए सत्ता बरकरार रखेगी, जबकि कांग्रेस ने एक दिसंबर को पहले चरण के चुनाव का हवाला देते हुए दावा किया कि गुजरात में अगली सरकार उसकी होगी।
89 में कांग्रेस को 65 : पहले चरण में 182 सदस्यीय विधानसभा के 89 सीट के लिए एक दिसंबर को मतदान हुआ था और बाकी की 93 सीट के लिए 5 दिसंबर को चुनाव होगा जिसके लिए चुनाव प्रचार शनिवार को थम गया। मतगणना 8 दिसंबर को होगी। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 में से 65 सीट जीतेगी, जहां चुनाव हो चुके हैं।
शर्मा ने कहा कि पहले चरण के चुनाव के वोटिंग पैटर्न दिखाते हैं कि कांग्रेस 89 में से 65 सीट जीत रही है। नुकसान से डरी भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव प्रचार में लगाना पड़ा। मुझे पूरा भरोसा है कि लोग कांग्रेस को 125 सीट पर जिताएंगे। राज्य में अगली सरकार कांग्रेस की होगी। पहले चरण में 63.31 फीसदी मतदान हुआ था।
भाजपा तोड़ेगी सभी पिछले रिकॉर्ड : इसके विपरीत गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि समान क्षेत्र (सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात) में वर्ष 2017 में पहले चरण के मुकाबले कम मतदान के बावजूद वोटों की संख्या असल में बढ़ी है।
पाटिल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा पूर्व के सभी रिकॉर्ड तोड़कर गुजरात में अपनी सत्ता बरकरार रखेगी। हम ना केवल सर्वाधिक संख्या में सीट हासिल करेंगे बल्कि इस बार कुल मतों का सर्वाधिक हिस्सा प्राप्त करेंगे। प्रतिशतता के आधार पर मतदान काम हुआ, लेकिन वर्ष 2017 के पहले चरण के मुकाबले इस बार करीब 10 लाख अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। एक दिसंबर को 1.41 करोड़ के मुकाबले इस बार 1.51 करोड़ लोगों ने मतदान किया।
उन्होंने कहा कि मत प्रतिशत भले ही कम हो, लेकिन मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल 99 सीट मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थी। भाजपा लगातार सातवीं बार सत्ता हासिल करने के लिए प्रयासरत है। (भाषा)
Edited by: Vrijendra singh Jhala