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  4. The Supreme Court expressed this concern in the Kolkata female doctor rape murder case
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 9 सितम्बर 2024 (19:43 IST)

Kolkata Doctor Case : SC ने पीड़िता के पोस्टमॉर्टम पर जताई यह चिंता, CBI और राज्‍य सरकार से मांगा जवाब

Supreme Court
Kolkata female doctor rape murder case : उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के मामले में पोस्टमार्टम के लिए जरूरी एक अहम दस्तावेज नहीं होने पर सोमवार को चिंता जताई और सीबीआई से इसकी जांच करने को कहा। पीठ ने कहा कि 'चालान' के इस्तेमाल का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा। पीठ ने कहा कि जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सौंपा गया था तो इसका चालान कहां है?  
 
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट चिकित्सकों को मंगलवार को शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश देते हुए कहा कि काम बहाल करने पर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी जिसमें दंडात्मक स्थानांतरण भी शामिल है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'चालान' के इस्तेमाल का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा। पीठ ने कहा कि जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सौंपा गया था तो इसका चालान कहां है? पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी हैं।
 
सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि चालान उनके रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि उन्हें तत्काल दस्तावेज नहीं मिल पाया है और वे इस बारे में बाद में अदालत को बताएंगे।
न्यायालय ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने में कोलकाता पुलिस की ओर से की गई कम से कम 14 घंटे की देरी पर भी सवाल उठाया। न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच पर 17 सितंबर तक नई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल की उस महिला चिकित्सक की तस्वीरें सभी सोशल मीडिया मंचों से तत्काल हटाने का निर्देश दिया जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
 
राज्य में चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा के लिए हालात का जायजा लेंगे। इससे पहले पीठ ने सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सीलबंद लिफाफे में जमा की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया।
पीठ ने कहा कि सीबीआई ने वस्तुस्थिति रिपोर्ट जमा की है जिससे लगता है कि जांच प्रगति पर है। हम सीबीआई को नई वस्तुस्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं। हम सीबीआई को उसकी जांच पर 'गाइड' नहीं करना चाहते। मेहता ने पीठ से कहा कि सीबीआई ने फोरेंसिक नमूने आगे जांच के लिए एम्स भेजने का फैसला किया है।
 
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिया है कि आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में लगाई गईं सीआईएसएफ की तीनों कंपनियों को आवास की सुविधा प्रदान की जाए।
न्यायालय ने सीआईएसएफ कर्मियों को जरूरी सभी सुरक्षा संसाधन भी आज ही मुहैया कराने का निर्देश दिया। पीठ इस मामले में अब 17 सितंबर को अगली सुनवाई करेगी। शुरुआत में पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के खिलाफ चिकित्सकों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सिब्बल ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार स्थिति रिपोर्ट पीठ के समक्ष जमा की। उन्होंने पीठ से कहा कि एक वस्तुस्थिति रिपोर्ट जमा की गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट जमा की है। 23 लोगों की मौत हो चुकी है, क्योंकि डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
 
उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त को महिला चिकित्सक की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी को लेकर कोलकाता पुलिस से नाराजगी जताई थी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रशिक्षु पीजी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। न्यायालय ने इसे 'बेहद परेशान करने वाली' घटना बताया था और घटनाक्रम तथा प्रक्रियागत औपचारिकताओं के समय पर सवाल उठाए थे।
शीर्ष अदालत ने चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की सुरक्षा के लिहाज से प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) का गठन किया था। न्यायालय ने घटना को 'भयावह' करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर राज्य सरकार से भी अप्रसन्नता जाहिर की थी।
 
अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए। महिला चिकित्सक का शव 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में मिला था। कोलकाता पुलिस ने अगले दिन इस मामले में 1 आरोपी को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपे जाने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने अगले दिन यानी 14 अगस्त को जांच संभाल ली थी।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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