सांसदों के निलंबन पर राहुल का तंज, सरकार ने 60% जनता का मुंह बंद कर दिया
Rahuls Gandhi taunt on suspension of MPs: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि संसद के हालिया शीतकालीन सत्र में विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करके न सिर्फ उनका अपमान किया गया, बल्कि देश की 60 प्रतिशत जनता का मुंह बंद कर दिया गया।
उन्होंने सांसदों के निलंबन के खिलाफ जंतर-मंतर पर आयोजित विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन में यह भी कहा कि लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच है तथा भाजपा जितनी नफरत फैलाएगी, इंडिया गठबंधन उतनी ही मोहब्बत, भाईचारा और एकता फैलाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है।
सुरक्षा में चूक जरूर, लेकिन... : उन्होंने कहा कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में दो युवकों का कूदना सुरक्षा में चूक जरूर है, लेकिन इसका कारण बेरोजगारी है। उन्होंने दावा किया कि कुछ दिन पहले संसद में (लोकसभा की कार्यवाही के दौरान) दो युवा (दर्शक दीर्घा से) सदन में कूद गए। उन्होंने अंदर आकर धुआं फैलाया। भाजपा के सांसद सब भाग लिए, वो अलग बात है। जो अपने आपको देशभक्त कहते हैं, लेकिन उनकी हवा निकल गई। वो टीवी पर आपको नहीं दिखा, वो हमें दिखा रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि निलंबित सांसद सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि वे हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं। आपने सिर्फ (लगभग) 150 सांसदों का अपमान नहीं किया है, बल्कि 60 प्रतिशत जनता का मुंह बंद किया है।
उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई कि देश के युवा रोजाना औसतन साढ़े सात घंटे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (अब एक्स), ईमेल और फोन पर बिता रहे हैं तथा इसका कारण भयंकर बेरोजगारी है।
सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में शीतकालीन सत्र में कुछ दिनों के भीतर ही 146 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। इनमें से ज्यादातर सदस्यों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था और सत्र समाप्ति के बाद उनका निलंबन भी स्वत: ही समाप्त हो चुका है, लेकिन कुछ सदस्यों के मामले को विशेषाधिकार समिति के विचारार्थ भेजा गया था और समिति की रिपोर्ट आने तक उनका निलंबन जारी रहेगा।
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे थे। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra singh Jhala