उत्तराखंड के 25 साल, पीएम मोदी ने अटल को किया याद, राज्य को दी 8157 करोड़ की सौगात
PM Modi in Uttarakhand : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तराखंड के रजत जयंती समारोह में राज्य को 8157 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि अटल जी ने राज्य के लोगों का सपना पूरा किया। 25 साल पहले जब उत्तराखंड नया-नया बना था, तब चुनौतियां कम नहीं थीं। संसाधन सीमित थे, बजट छोटा था, आय के स्रोत कम थे, और ज्यादातर जरूरतें केंद्र की सहायता से पूरी होती थीं। आज उत्तराखंड की तस्वीर बदल चुकी है।
उन्होंने कहा कि आज जब उत्तराखंड अपने 25 वर्ष पूरे कर रहा है, तो मेरा यह विश्वास और भी दृढ़ हो गया है कि यह उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है। 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट 4 हज़ार करोड़ रुपए का था, आज यह बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ चुका है। पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड में सड़कों की लंबाई दोगुनी हो चुकी है। पहले यहां 6 महीने में लगभग 4,000 यात्री हवाई जहाज से आते थे, आज एक दिन में 4,000 से ज्यादा यात्री हवाई जहाज से आते हैं। इन 25 वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 10 गुना से ज़्यादा बढ़ी है। पहले यहां सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज था, आज 10 मेडिकल कॉलेज हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का असली परिचय उसकी आध्यात्मिक शक्ति है। उत्तराखंड अगर ठान ले, तो अगले कुछ ही वर्षों में खुद को स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड के रूप में स्थापित कर सकता है। यहां के मंदिर, आश्रम, योग के सेंटर... इन्हें हम ग्लोबल सेंटर से जोड़ सकते हैं।
देवभूमि उत्तराखंड, भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर और आदि कैलाश... ऐसे तीर्थ हमारे विश्वास और आस्था के प्रतीक हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की यात्रा पर आते हैं। उनकी यह यात्रा भक्ति का मार्ग खोलती है, साथ ही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बोले- विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के मंत्र पर चल रहा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती पर्व की बधाई देने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करते हुए कहा कि ये हम सभी उत्तराखंडवासियों का सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर हमें यशस्वी प्रधानमंत्री जी का सान्निध्य प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्रों में भी कहा गया है, 'राजा धर्मस्य कारणम्' यानी राजा ही धर्म का कारण और रक्षक होता है, जब राजा धर्मपरायण होता है, तब राज्य में सबका कल्याण होता है। ये सूत्र वाक्य आदरणीय प्रधानमंत्री जी के दिव्य, प्रेरणादायी और कर्मनिष्ठ व्यक्तित्व का साक्षात प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी तीनों सेनाओं ने ऑपरेशन सिन्दूर में दुश्मन को कड़ा सबक सिखाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा पुष्पित-पल्लवित उत्तराखंड वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड' के मंत्र पर चलते हुए एक समृद्ध और आत्मनिर्भर प्रदेश बनने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
साथ ही प्रधानमंत्री जी के प्रेरणादायी नेतृत्व में उत्तराखंड ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, G-20 सम्मेलन की बैठकों सहित 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य आयोजनों द्वारा भी बदलते उत्तराखंड की सुनहरी तस्वीर विश्व पटल पर प्रस्तुत की है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी, सिलक्यारा टनल हादसा, जोशीमठ भूधंसाव या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रधानमंत्री जी ने संवेदनशीलता के साथ उत्तराखंड की जनता का साथ दिया है। प्रधानमंत्री जी के इसी स्नेहपूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन से उत्तराखंड कठिनाइयों से उबरकर एक नई शक्ति, नए संकल्प और नई ऊर्जा के साथ आज आगे आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता, पारंपरिक पहचान और डेमोग्राफिक संतुलन को संरक्षित रखने के लिए भी कार्य कर रही है। इसी क्रम में समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, मदरसा बोर्ड की समाप्ति जैसे कार्यों से उत्तराखंड एक समरस समाज के निर्माण की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर जवानों के साथ ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन करते हुए, प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देने के साथ दी।
इस मौके पर राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी, राज्यसभा सांसद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित गणमान्य लोग उपस्थित हुए।