गांव पहुंचकर भावुक हुए मोदी, स्कूल की मिट्टी से किया तिलक
वडनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार रविवार को अपने पैतृक गांव उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले के वडनगर पहुंचे नरेन्द्र मोदी ने करीब 6 किलोमीटर लंबा और 1 घंटे से अधिक का भावुक रोड शो किया और इस दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया।
मोदी बचपन के अपने स्कूल बीएन विद्यालय पर रुके और वहां की धूल को माथे पर लगाते हुए इससे तिलक भी किया। उन्होंने अपने पैतृक आवास के पास मौजूद प्राचीन हाटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा और आरती में भी भाग लिया।
शनिवार को 2 दिन के गुजरात दौरे पर पहुंचे मोदी राजधानी गांधीनगर से सुबह करीब 9.30 बजे हेलीकॉप्टर से वडनगर के निकट गुंजा में हेलीपैड पर उतरे। उनका रोड शो पूर्व निर्धारित नहीं था, पर हजारों लोगों के हुजूम को देखकर वे अपने वाहन का दरवाजा खोल बाहर खड़े हो गए और रोड शो का सिलसिला शुरू हो गया। रास्ते में कुछ स्थानों पर उन्होंने लोगों के अभिवादन के लिए अपने काफिले को भी रुकवा दिया। वे रास्ते भर भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन करते रहे और लोग उन पर फूल बरसाते रहे।
उनका काफिला वडनगर के उस रेलवे स्टेशन के निकट से भी गुजरा, जहां वे बचपन में अपने पिता के साथ चाय बेचते थे। हालांकि वे वहां रुके नहीं। 17 सितंबर 1950 को यहां दामोदरदास मोदी और हीराबा की कुल 6 में से तीसरी संतान के रूप में जन्मे मोदी के स्वागत के लिए उनके इस पैतृक गांव, जो अब किसी शहर को भी मात देता लगता है, को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
वडनगर अहमदाबाद से करीब 100 किमी दूर है। यह महेसाणा जिले में है, जो पाटीदार समुदाय का गढ़ है जिसके हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले एक गुट ने स्थानीय भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। इसी साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा का विरोध कर रहे हैं।
मोदी ने रोड शो के दौरान पहला विधिवत पड़ाव अपने बचपन के स्कूल के पास किया। उनकी एक झलक पाने तथा स्वागत के लिए जुटे लोगों की जबरदस्त भीड़ और उन्हें नियंत्रित करने के लिए जूझते सुरक्षाकर्मियों के घेरे के बीच मोदी ने अपनी मातृभूमि की इस स्कूल के पास की धूल से तिलक किया।
इसके बाद वे पास ही के हाटकेश्वर मंदिर गए। वहां उन्होंने गर्भगृह में भगवान की पूजा, अभिषेक और आरती भी की और गांव के कुछ बुजुर्गों से संक्षिप्त मुलाकात की। इसके बाद वे 600 करोड़ की लागत से बने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे और इसका लोकार्पण किया। वहां भी वे अचानक छात्रों के बीच पहुंच गए और उनसे संक्षिप्त संवाद किया। (वार्ता)