योगी राज में यूपी पुलिस के एनकाउंटर का बोलबाला, 10 हजार से अधिक मुठभेड़ में 183 अपराधी मिट्टी में मिले
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 48 दिन पहले 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल दो आरोपी असद अहमद और शूटर गुलाम को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया है। यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर मे मारा गया असद अहमद माफिया अतीक अहमद का बेटा था।
असद अहमद और गुलाम के एनकाउंटर में ढेर होने के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिट्टी में मिला देने वाले बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “जो कहते हैं, वो कर दिखाते हैं”।
दरअसल में उमेश पाल हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में विधानसभा में उत्तर प्रदेश में माफियाओं को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात कह रहे है तो इसके पीछे वजह भी है।
2017 में योगी आदित्याथ के उत्तरप्रदेश की कमान संभालने के बाद यूपी पुलिस के एनकाउंटर में माफियाओं को मुठभेड़ में ढेर करने का जो सिलसिला शुरु हुआ है वह लगातार जारी है। योगी राज में यूपी पुलिस के एनकाउंटर में असद और गुलाम को एनकाउंटर में मारे जाने के साथ अब तक पुलिस ने 183 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर चुकी है।
आज मारे गए असद और गुलाम के साथ मुठभेड में पहले ढेर हो चुके कई बदमाशों पर पांच-पांच लाख का ईनाम था। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 सालों में पुलिस और अपराधियों के बीच 11 हजार के करीब एनकाउंटर हुए है। यूपी पुलिस के आकंड़ों के मुताबिक योगी राज में अब तक 10,713 एनकाउंटर हो चुके है।
एनकाउंटर पर विपक्ष के सवाल?-योगी सरकार में लगातार अपराधियों के एनकाउंटर में ढेर होने पर सवाल भी उठ चुके है। गुरुवार को उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए ट्वीट करके लिखा कि “झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है”।
वहीं असद के एनकाउंटर मे मारे जाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके लिखा कि “प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी”।
वहीं विपक्ष के सवालों पर यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश कहते हैं कि एनकाउंटर पर सवाल उठाने को कोई नई बात नहीं बताते है। वह कहते हैं कि एसटीएफ के 25 सालों के इतिहास में कोई भी एनकाउंटर गलत साबित नहीं हुआ है। असद और गुलाम के एनकाउंटर से पहले एसटीएफ की टीम ने एसओपी का पालन किया है। एसटीएफ कानून के दायरे में रहकर काम करती है और असद और गुलाम के एनकाउंटर में भी कुछ भी गलत नहीं साबित होगा।