Sambhal Shahi Jama Masjid case : संभल की विवादित जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने रविवार को मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि मस्जिद की खुदाई की अफवाह फैलने से भीड़ उग्र हुई। जफर अली ने हिंसा के मामले में स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने अली के सभी आरोपों का खंडन किया है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि जफर अली को पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया है, वह खुद ही थाने में आए थे और अपनी बात रखकर चले गए। पहले पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबर आई थी।
इसके पहले जफर अली ने आरोप लगाया, मस्जिद का जो दोबारा सर्वे हुआ वह अदालत के आदेश से नहीं बल्कि सिर्फ जिलाधिकारी के आदेश पर हुआ था। यह सर्वे गैर-कानूनी तरीके से हुआ था। अली ने कहा, इस घटना के दोषी संभल की उपजिलाधिकारी वंदना मिश्रा और पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार हैं।
इस सवाल पर कि इन अधिकारियों का क्या दोष है, अली ने कहा, उपजिलाधिकारी ने जिद करके वजू खाने का पानी निकलवाया, जबकि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि डंडे से पानी की गहराई नाप ली जाए। मगर उपजिलाधिकारी की जिद पर जब हौज का पानी निकाला गया तो बाहर जमा लोगों में भ्रम पैदा हुआ कि मस्जिद में खुदाई की जा रही है। इसी से वे उग्र हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया, जब मस्जिद के बाहर भीड़ एकत्र हो रही थी तो पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार ने उन लोगों को गालियां दीं और लाठीचार्ज करवा दिया, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। अली ने आरोप लगाया, मैंने खुद पुलिस को भीड़ पर गोलियां चलाते देखा है।
उन्होंने कहा, उपजिलाधिकारी वंदना मिश्रा और पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार की वजह से ही झगड़ा हुआ और इन्हीं की वजह से मौतें हुई हैं। अली ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हैं कि वारदात में मारे गएबेगुनाह युवकों के परिजनों को उचित मुआवजा दें। पहले बताया गया था कि पत्रकार वार्ता के बाद पुलिस ने अली को हिरासत में ले लिया।
लेकिन संभल के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जफर अली ने जो भ्रामक बयान दिया था, उसी संबंध में वह खुद थाने आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया और न ही गिरफ्तार किया, वह अपनी बात रखकर थाने से चले गए। जिलाधिकारी ने जफर अली के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, मस्जिद के सर्वे का दूसरे दिन जो आदेश था वह एडवोकेट कमीशन का आदेश था। हम सिर्फ सुरक्षा-व्यवस्था के लिए वहां गए थे। उन्होंने कहा, दूसरे दिन सर्वे का आदेश हमने नहीं दिया था।
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को दूसरे दिन किए जा रहे सर्वेक्षण के विरोध में प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में (अन्य) उपजिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था। रविवार को सर्वेक्षण करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी। अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour