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Last Updated : गुरुवार, 14 मार्च 2019 (09:11 IST)

World Kideny Day : किडनी की बीमारी का रामबाण इलाज, यह जड़ी-बूटी बन सकती है कारगर दवा

World Kideny Day : किडनी की बीमारी का रामबाण इलाज, यह जड़ी-बूटी बन सकती है कारगर दवा - Kidney Disease
नई दिल्ली। देश में किडनी की समस्या से जूझ रहे अधिकतर मरीजों के लिए डायलिसिस जिंदगी का जरिया है। 
 
एलोपैथी में किडनी की समस्या के उपचार के लिए सीमित विकल्प को देखते हुए विश्व किडनी दिवस की पूर्व संध्या पर पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सावधानी से भोजन करने और व्यायाम के साथ जड़ी-बूटी का सेवन बीमारी के बढ़ने की गति को धीमी कर सकती है और बीमारी के लक्षणों से निजात दिला सकती है।
 
दो हालिया वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि पुनर्नवा जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फार्मूलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है।
 
एक नए अध्ययन के अनुसार किडनी की समस्या से जूझ रही एक महिला को पुनर्नवा से बनाया गया सीरप एक महीने तक दिया गया जिससे उनके रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया का स्तर स्वस्थ स्तर पर आ गया।
 
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में किया गया अध्ययन 2017 में वर्ल्ड जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल्स साइंस प्रकाशित हुआ।
 
इंडो अमेरिकन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में भी कमल के पत्ते, पत्थरचूर और अन्य जड़ी बूटियों सहित पुनर्नवा से बनायी गयी औषधि के प्रभाव का जिक्र किया है।
 
बीएचयू के द्रव्यगुण विभाग के प्रमुख केएन द्विवेदी ने कहा कि नीरी केएफटी (सीरप) में औषधीय फार्मूलेशन कुछ हद तक डायलिसिस का विकल्प हो सकता है। दरअसल, एलौपैथी में किडनी की बीमारी के उपचार के लिए सीमित विकल्प होने के कारण आयुर्वेदिक औषधि पर जोर बढ़ रहा है।
 
सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट मनीष मलिक ने कहा कि एलोपैथी में किडनी की बीमारी के उपचार के लिए सीमित संभावना है। उपचार महंगा भी है और पूरी तरह सफल भी नहीं होता।
 
इसलिए मलिक का कहना है कि पुनर्नवा जैसी जड़ी बूटी पर आधारित नीरी केएफटी की तरह की किफायती आयुर्वेदिक दवा नियमित डायलिसिस करा रहे मरीजों के लिए मददगार हो सकती है।