कर्नाटक में चुनाव प्रचार चरम पर है। अंतिम दौर में दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के स्टार प्रचारकों की फौज अपने लच्छेदार भाषणों से मतदाताओं को रिझा रही है। दूसरी ओर राहुल गांधी स्वयं कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाले हुए हैं। हालांकि दोनों ही ओर के नेताओं को भाषाई समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। कभी वे विवादास्पद बयान दे देते हैं तो कभी उनके बयानों पर ही बवाल खड़ा हो जाता है। कई बार तो अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है। कर्नाटक में 12 मई को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 15 मई को होगी।
अनुवाद से बढ़ी भाजपा की मुश्किल : कर्नाटक में लगातार रैलियां कर रहे अमित शाह की उस समय बड़ी किरकिरी हुई जब उनके भाषण का अनुवाद गलत हो गया और अर्थ का अनर्थ हो गया। दरअसल, अमित शाह ने कहा था कि आप नरेन्द्र मोदी पर विश्वास करके येदियुरप्पा को वोट दीजिए। हम कर्नाटक को देश का नंबर एक राज्य बना देंगे।
धारवाड़ से भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने शाह के भाषण का अनुवाद कुछ का कुछ कर दिया। उन्होंने अनुवाद कर दिया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब, दलित और पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं करेंगे। वे देश को बर्बाद कर देंगे। आप उन्हें वोट दीजिए।
कर्नाटक के विकास पर 15 मिनट बोलकर बताएं राहुल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गत मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल अति उत्साह में मर्यादा तोड़ देते हैं।
मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कर्नाटक के विकास पर 15 मिनट बोल पाएंगे राहुल गांधी? उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि बिना कागज के वे बोलकर दिखाएं। राहुल हिन्दी, अंग्रेजी जिस भी भाषा में बोलना चाहते हैं, बोल सकते हैं। चाहें तो वे अपनी माता की मातृभाषा में भी बोल सकते हैं। हालांकि मोदी ने यह बयान राहुल द्वारा उन्हें दी गई चुनौती के जवाब में दिया था। मोदी के इस बयान पर जमकर बवाल मचा और सोशल मीडिया पर इसकी जमकर प्रतिक्रिया हुई।
जब फिसली अमित शाह की जुबान : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यूं तो अच्छे वक्ता है, लेकिन कर्नाटक दौरे के दौरान उनकी जुबान फिसल गई। इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। शाह बोलते समय यह भूल गए कि वीएस येदियुरप्पा उनकी पार्टी के नेता हैं।
वीडियो में अमित शाह कहते दिखाई दे रहे हैं कि यदि भ्रष्टाचार की प्रतिस्पर्धा कराई जाए तो येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्टाचार का नंबर वन अवॉर्ड दिया जाएगा। दरअसल, वे वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम लेना चाहते थे, लेकिन गलती अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री का नाम उनकी जुबान पर आ गया। बाद में उनके पास बैठे नेता कानाफूसी करते नजर आए।
सिद्धारमैया ने मोदी से कर दी यह मांग : मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक ट्वीट कर कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देता हूं कि आप पेपर देखकर 15 मिनट तक बीएस येदियुरप्पा के बारे में बोलकर दिखाएं।
इस ट्वीट के बाद सिद्धारमैया इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर जमकर ट्रोल हुए। एक यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि चिंता मत कीजिए 2023 में आपकी यह इच्छा भी पूरी हो जाएगी जब येदियुरप्पा अपने कार्यकाल के पांच साल पूरे कर लेंगे।
भाजपा विधायक बयान पर बवाल : बेलगाम ग्रामीण से भाजपा विधायक संजय पाटिल चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि आगामी चुनाव सड़क, पीने के पानी के मुद्दे को लेकर नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम, राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद के बीच लड़ा जाएगा।
संजय पाटिल ने कहा कि वो हिंदू हैं, ये हिंदू देश है और हम राम मंदिर बनाना चाहते हैं जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार लक्ष्मी हेब्बालकर बाबरी मस्जिद बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जो भी बाबरी मस्जिद, टीपू जयंती चाहते हैं उन्हें कांग्रेस को वोट देना चाहिए और जो भी शिवाजी महराज और राम मंदिर चाहते हैं वो भाजपा को वोट दें।