समय से उड़ान भरने में इंडिगो अव्वल, इस एयरलाइंस से लोग परेशान
नई दिल्ली। देश के चार महानगरों में समय से उड़ान भरने (ओटीपी) के मामले में साल के पहले महीने में इंडिगो का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जबकि बड़ी विमान सेवा कंपनियों में सबसे ज्यादा शिकायत एयर इंडिया के खिलाफ आई।
नागर विमानन महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में इंडिगो की 75.4 प्रतिशत उड़ानें समय पर रवाना हुईं। नियत समय के 15 मिनट के भीतर रवाना हुई उड़ान को समय पर माना जाता है। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट की 74.4 प्रतिशत, गोएयर की 67.4 प्रतिशत और सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की 66.9 प्रतिशत उड़ानें समय पर रवाना हुईं।
यात्रियों की शिकायत सबसे ज्यादा एयर डेक्कन के खिलाफ रहीं। प्रति एक लाख यात्री उसके खिलाफ 280 शिकायतें आयी हैं। बड़ी एयरलाइंस में एयर इंडिया के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 18 शिकायतें आई। प्रति एक लाख यात्री जेट एयरवेज और जेटलाइट के खिलाफ 12, ट्रूजेट के खिलाफ छह, गोएयर के खिलाफ चार, एयर एशिया के खिलाफ तीन, इंडिगो और स्पाइसजेट के खिलाफ दो-दो और विस्तारा के खिलाफ एक शिकायत आई।
यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत उड़ान की समस्या को लेकर रही। कुल शिकायतों में 27.5 प्रतिशत की यही वजह रही। ग्राहक सेवा को लेकर 24.4 फीसदी, बैगेज को लेकर 24.2 प्रतिशत और रिफंड को लेकर 7.3 प्रतिशत शिकायतें मिलीं। कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर 5.8 फीसदी और किराये को लेकर 3.6 फीसदी शिकायतें आईं।
जनवरी में दिल्ली तथा उत्तर भारत में कोहरे के कारण विमान सेवाएँ प्रभावित रही थीं। विभिन्न कारणों से कुल 1.26 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। इस मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन एयर एशिया का और सबसे खराब जूम एयर का रहा। जूम एयर की 18.55 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। एयर डेक्कन की 9.09 प्रतिशत, इंडिगो की 1.81 प्रतिशत, एयर इंडिया की 1.75 प्रतिशत, जेटलाइट की 1.34 प्रतिशत और जेट एयरवेज की 0.79 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं।
स्पाइसजेट की 0.55 प्रतिशत, विस्तारा की 0.50 प्रतिशत, ट्रूजेट और गोएयर की 0.48 प्रतिशत तथा एयर एशिया की 0.18 प्रतिशत उड़ानें रद्द रहीं।उड़ानें रद्द होने की सबसे बड़ी वजह खराब मौसम रहा। कुल रद्द उड़ानों में 41.3 प्रतिशत योगदान मौसम का रहा। तकनीकी कारणों से 13.2 प्रतिशत और परिचालन संबंधी कारणों से 3.4 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं जबकि 41.4 प्रतिशत पिछली उड़ानों के रद्द होने या अन्य कारणों से रद्द हुईं। (वार्ता)