लद्दाख में हिंसा के बाद कर्फ्यू, 50 लोग हिरासत में, क्या है लेह का हाल?
कारगिल, जांस्कर, नुब्रा, पदम, चांगतांग, द्रास और लामायुरु में दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। पुलिस के अनुसार, आज कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हिंसा में शामिल होने के आरोप में रातभर में लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। घायलों में तीन नेपाल के नागरिक हैं और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे विदेशी हाथ हैं।
लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में आंदोलन हिंसक हो गया था और इस दौरान सड़कों पर आगजनी और झड़पें हुई। लेह में एक दिन पहले व्यापक झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिन से जारी अपनी भूख हड़ताल बुधवार को समाप्त कर दी थी।
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया था क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की हालत मंगलवार शाम बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अन्य प्रमुख शहरों में भी पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिनमें कारगिल भी शामिल है, जहां भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक के समर्थन में कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) द्वारा बंद का आह्वान किया गया था।
सोनम वांगचुक पर गंभीर आरोप : केंद्र ने बुधवार को आरोप लगाया था कि लद्दाख में कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के भड़काऊ बयानों की वजह से हिंसा भड़की और राजनीतिक रूप से प्रेरित कुछ लोग सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि सरकार पर्याप्त संवैधानिक सुरक्षा उपाय प्रदान करके लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उपराज्यपाल ने भी बताया था साजिश : उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने घटनाओं को हृदय विदारक बताते हुए कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जो कुछ हुआ वह स्वतःस्फूर्त नहीं था, बल्कि एक साजिश का नतीजा था। अधिक जनहानि रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है।
edited by : Nrapendra Gupta