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Last Updated : मंगलवार, 23 जुलाई 2024 (23:33 IST)

NEET UG 2024 SC Hearing : वकील पर क्यों भड़के CJI डीवाई चंद्रचूड़, बोले- इन्हें बाहर निकालो

Justice DY Chandrachud
NEET NEET UG 2024 SC Hearing : उच्चतम न्यायालय में नीट-यूजी 2024 पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और अपनी बारी आने से पहले बोलने पर आमादा एक वकील के बीच तीखी नोकझोंक हुई जिस पर सीजेआई ने उन्हें अदालत कक्ष से बाहर निकाल देने की चेतावनी दी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि वह किसी भी वकील को अदालत में मनमर्जी नहीं करने देंगे।
 
प्रधान न्यायाधीश ने कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा को उस समय फटकार लगाई, जब उन्होंने बार-बार आग्रह किया कि उन्हें बहस करने की अनुमति दी जाए जबकि याचिकाकर्ताओं के मुख्य वकील वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र हुड्डा अपनी दलीलें पेश करने वाले थे।

 
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नेदुम्परा से कहा कि पीठ हुड्डा द्वारा अपनी दलीलें पेश करने के बाद उन्हें बहस करने की अनुमति देगी। पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आप कृपया बैठ जाइए। मुझे आपको अदालत से बाहर निकालना पड़ेगा। उन्होंने गुस्से में कहा कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं।
 
हालांकि, नेदुम्परा लगातार शिकायत करते रहे कि उन्हें अदालत में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। इस बात से नाराज प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कृपया सुरक्षाकर्मियों को बुलाइए। हम उनसे इन्हें अदालत से बाहर ले जाने को कहेंगे। वकील ने अपने सहयोगियों की ओर रुख किया जिस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आप गैलरी में बात नहीं करेंगे। आप मेरी बात सुनेंगे। मैं अपने न्यायालय का प्रभारी हूं।
 
नाराज वकील ने बेमन से कहा कि वह अदालत कक्ष से जा रहे हैं लेकिन प्रधान न्यायाधीश नाइंसाफी कर रहे हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि मिस्टर मैथ्यूज, अब मैं कुछ ऐसा कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा जो बहुत अप्रिय होगा। कृपया चुप रहें। यहां बैठ जाएं। यदि आप जाना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है।
 
सीजेआई ने नेदुम्परा से कहा कि जब हुड्डा बहस कर रहे हैं तो वह बीच में नहीं बोल सकते। उन्होंने नेदुम्परा से कहा कि मैं आपकी बात सुनूंगा। लेकिन मैं आपकी बात हुड्डा की दलीलें समाप्त होने के बाद सुनूंगा। नेदुम्परा ने कहा कि जब भी वह बोलना चाहते हैं तो पीठ उन्हें रोक देती है और इस तथ्य की अनदेखी की जाती है कि वह अदालत कक्ष में मौजूद वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं।
 
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने गुस्से में कहा कि मैं इस अदालत में प्रक्रिया प्रभारी हूं और मैं पिछले 24 वर्षों से न्यायपालिका में हूं। मैं किसी भी वकील को अदालत में मनमर्जी करने नहीं दूंगा। अदालत कक्ष से बाहर निकलने से पहले नेदुम्परा ने तेज आवाज में कहा कि मैंने 1979 से न्यायपालिका को देखा है। मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वकील के इस व्यवहार को अवमाननापूर्ण बताया। नेदुम्परा कुछ देर बाद अदालत में लौटे और पीठ से माफी मांगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta