राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, शिक्षा मंत्री ने यहां सबकी गलती बता दी, सिवाय अपनी गलती के
शिक्षामंत्री का पलटवार, अखिलेश ने कहा- प्रधान के रहते बच्चों को नहीं मिलेगा न्याय
Rahul Gandhi raised the issue of NEET in Lok Sabha: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET UG) में कथित अनियमितता के विषय को लेकर सोमवार को सदन में सरकार पर प्रहार किया और दावा किया कि देश के करोड़ों छात्रों एवं देशवासियों को इस बात का यकीन हो गया है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक फ्रॉड (धोखे वाली) है तथा जिसके पास पैसा है वह इस पूरी प्रणाली को खरीद सकता है।
परीक्षा प्रणाली में खामियां : सदन में प्रश्नकाल के दौरान नीट के विषय पर पूरक प्रश्न पूछते हुए राहुल गांधी ने कहा कि परीक्षा प्रणाली में बहुत खामियां हैं। मंत्री ने अपने आपको छोड़कर, सबको जिम्मेदार ठहराया है...मुझे नहीं लगता कि जो चल रहा है, उसकी बुनियादी जानकारी भी है। उन्होंने दावा किया कि करोड़ों छात्र आज चिंतित हैं तथा उन्हें इस बात का यकीन हो गया है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक फ्रॉड है।
इस पर प्रधान ने कहा कि मुझे बौद्धिकता और संस्कार का प्रमाणपत्र किसी से नहीं चाहिए। देश के लोकतंत्र ने हमारे प्रधानमंत्री को चुना है मैं उनके निर्णय से यहां जवाब दे रहा हूं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कहा गया कि देश की भारतीय परीक्षा प्रणाली बकवास है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान कुछ नहीं हो सकता। मैं इसकी निंदा करता हूं।
प्रधान का पिछली सरकारों पर हमला : उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं, उनके समय के शिक्षा मंत्री 2010 में तीन विधेयक लेकर आए थे, उनमें एक विधेयक शिक्षा में सुधार से जुड़ा विधेयक था। प्रधान का कहना था कि हमारी सरकार की हिम्मत है कि हमने (पेपर लीक पर) कानून बनाया, लेकिन कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष की क्या मजबूरी थी कि उनके समय लाए गए विधेयक को वापस लिया गया? क्या निजी मेडिकल कॉलेज और उनकी घूसखोरी के दबाव में इसे वापस लिया गया था?
सदन में सार्थक चर्चा हो : सदन में हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए, लेकिन सारी परीक्षाओं पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें रहीं हैं, जहां परीक्षाओं पर प्रश्न उठे...हम इसलिए यहां बैठे हैं कि विद्यार्थियों के भविष्य पर सवाल नहीं उठें। इसलिए ऐसी व्यवस्था विकसित करें कि परीक्षा पर सवाल नहीं उठे...सब सुझाव दें। सरकार भी उत्तम सुझाव को मानेगी।
बिरला ने कहा कि हम सारी परीक्षाओं पर सवाल उठाएंगे तो उत्तीर्ण होने वाले बच्चों के भविष्य पर, भारत की परीक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर होगा जो सदन के लिए चिंता का विषय है।
प्रधान के रहते नहीं मिलेगा न्याय : दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीट में कथित अनियमितता को लेकर सोमवार को लोकसभा में दावा किया कि धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्री रहते बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा। इस पर प्रधान ने पलटवार किया और कहा कि वह इस सदन में उन पेपर लीक मामलों की पूरी सूची रख सकते हैं जो अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए थे। सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए अखिलेश ने कटाक्ष किया कि यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी। उन्होंने कहा कि क्या उन छात्रों की सूची जारी करेंगे, जिनके सबसे ज्यादा नंबर आएं हैं। कुछ परीक्षा केंद्रों पर दो हजार से ज्यादा बच्चे पास हो गए हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala