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NSA डोभाल ने कहा, भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे रहें

मोदी और बाइडन ने शुरू किया था आईसीईटी को

NSA डोभाल ने कहा, भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे रहें - Ajit Doval meets US counterpart Jake Sullivan
NSA Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने नई दिल्ली में मंगलवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन (Jake Sullivan) की उपस्थिति में कहा कि भारत और अमेरिका को बड़े रणनीतिक हित के हिस्से के तहत महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास में सबसे आगे रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आईसीईटी को मई 2022 में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच अधिक सहयोग बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था।
 
डोभाल की यह टिप्पणी उनके और सुलिवन द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज, उन्नत दूरसंचार और रक्षा क्षेत्र के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को गहरा करने के लिए परिवर्तनकारी पहलों का अनावरण करने के 1 दिन बाद आई है।

 
डोभाल ने गोलमेज सम्मेलन को संबोधित किया : डोभाल ने कहा कि अगर हमें अपनी मूल्य प्रणालियों की सुरक्षा और बचाव की जरूरत है तो अमेरिका और भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे रहना होगा और यह एक बड़े रणनीतिक हित का हिस्सा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 'आईसीईटी' (महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर भारत-अमेरिका की पहल) पर केंद्रित उद्योग से जुड़े गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
 
मोदी और बाइडन ने शुरू किया था आईसीईटी को : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आईसीईटी को मई 2022 में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच अधिक सहयोग बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। सीआईआई के एक बयान के अनुसार डोभाल ने अपनी टिप्पणी में प्रौद्योगिकी में उद्योग की भूमिका और आईईसीटी की स्थापना के बाद से इसकी प्रगति पर प्रकाश डाला।

 
सुलिवन ने प्रौद्योगिकी साझेदारी को रेखांकित किया : अपने संबोधन में सुलिवन ने प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए 3 महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया- पहला नवाचार, दूसरा उत्पादन और तीसरा तैनाती। बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने नवाचार के महत्व को रेखांकित करते हुए निजी क्षेत्र के लिए सरकारी समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में भारतीय उद्योग के लिए द्विदलीय समर्थन मौजूद है और पारिस्थितिकी तंत्र और आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण उत्पादन की कुंजी है।
 
इन क्षेत्रों में भारत और अमेरिका साथ-साथ : सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आईसीईटी के तहत भारत और अमेरिका कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), बायोटेक, असम सामग्री और खनिज, सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच गहरे जुड़ाव को सक्षम बनाया जा सके। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद बाइडन प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी की पहली भारत यात्रा के तहत सुलिवन ने 17 से 18 जून तक दिल्ली की यात्रा की।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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