'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' को लेकर गहराया राजनीतिक विवाद, कांग्रेस ने दिया यह बयान
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर आधारित फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को लेकर शुक्रवार को राजनीतिक विवाद गहरा गया। कांग्रेस ने इसे अपनी पार्टी के खिलाफ भाजपा का दुष्प्रचार करार दिया है।
यह फिल्म 2004 से 2008 तक मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की पुस्तक पर आधारित है। इस फिल्म का ट्रेलर बृहस्पतिवार को मुंबई में रिलीज हुआ।
फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होने के बाद भाजपा ने कहा कि दिलचस्प कहानी है कि कैसे एक परिवार ने 10 साल तक देश को अपने कब्जे में रखा। क्या डॉ. सिंह बस एक ऐसे शासक थे जो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर तब तक टिके रहे जब तक उनका उत्तराधिकारी तैयार नहीं हो गया?
उन्होंने कहा कि 11 जनवरी को रिलीज होने जा रही यह फिल्म एक सूत्र की जानकारी पर आधारित है और लोगों से इसका आधिकारिक ट्रेलर दे्खने को कहा है। कांग्रेस ने फिल्म को अपनी पार्टी के खिलाफ भाजपा का दुष्प्रचार करार दिया जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस फिल्म को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा का यह दुष्प्रचार काम नहीं करेगा और सच की जीत होगी। फिल्म में सिंह का किरदार निभाने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फिल्म को सृजनात्मक प्रयास के तौर पर देखा जाना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के समर्थन की कोशिश के तौर पर।
इस विवाद पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा कि भाजपा का यह दुष्प्रचार हमें मोदी सरकार से ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं, बेरोजगारी, नोटबंदी का त्रासदी, जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार से सवाल करने से नहीं रोक सकता।
कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने इस फिल्म के बारे में पूछा तो पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने कोई टिप्पणी नहीं की। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ यह दुष्प्रचार काम नहीं करेगा तथा सच की जीत होगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि द इनसेंसेटिव प्राइम मिनिस्टर कब बनेगी इसका इंतजार नहीं कर सकता। एक्सिडेंटल होने से कहीं ज्यादा बुरी। (भाषा)