why women gain weight after menopause
Why Do Women Gain Weight Quickly After Menopause
मेनोपॉज महिलाओं की जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है, जब उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान अक्सर महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। ये बदलाव अचानक से होते हैं, और इसे संभालना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है।
आइए जानते हैं कि मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने के पीछे क्या कारण होते हैं और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
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हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इस हार्मोन की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे कैलोरी बर्न होने की दर कम हो जाती है। नतीजतन, शरीर में फैट जमा होने लगता है और वजन बढ़ने लगता है।
मेटाबॉलिज्म का धीमा होना
उम्र के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। मेनोपॉज के बाद ये प्रक्रिया और भी धीमी हो जाती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है। इस कारण शरीर उतनी तेजी से कैलोरी नहीं जला पाता जितना पहले कर पाता था।
लाइफस्टाइल में बदलाव
मेनोपॉज के बाद कई महिलाएं अपने डेली रूटीन में सक्रियता कम कर देती हैं। थकान, नींद की कमी और अन्य शारीरिक समस्याओं के कारण वे व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पातीं। इससे भी वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
इमोशनल ईटिंग
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण मूड स्विंग्स और तनाव की समस्या भी बढ़ सकती है। कई महिलाएं इस दौरान भावनात्मक रूप से असहज महसूस करती हैं और उन्हें अधिक खाने की आदत हो सकती है। इसे 'इमोशनल ईटिंग' कहा जाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
वजन बढ़ने से कैसे बचें?
मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना आम बात है, लेकिन इसे सही लाइफस्टाइल और आदतों से कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप इस दौरान अपने शरीर का ध्यान रखेंगी तो वजन बढ़ने की समस्या से बच सकती हैं। आइये जानते हैं कैसे मेनोपॉज के बाद भी आप अपना वज़न कंट्रोल रख सकती हैं।
बैलेंस डाइट लें : पौष्टिक और बैलेंस डाइट लेना बहुत जरूरी है। जंक फूड से दूर रहें और ज्यादा फाइबर, फल, सब्जियां और प्रोटीन को अपने खाने में शामिल करें।
रोजाना व्यायाम: हल्के-फुल्के व्यायाम जैसे योगा, वॉकिंग या तैराकी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहेगा और वजन भी कंट्रोल में रहेगा।
पर्याप्त नींद: अच्छी नींद भी वजन नियंत्रित करने में मदद करती है। कोशिश करें कि रात में 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
तनाव से बचें: तनाव कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन), ब्रीदिंग एक्सरसाइज और रिलैक्सेशन तकनीकें अपनाएं।
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