जन्म के तुरंत बाद शिशु को क्यों पहनाए जाते हैं पुराने कपड़े?
जानिए क्या ये है अन्धविश्वास या इसके पीछे है कोई वैज्ञानिक कारण
What can a 3 month old baby do
Old clothes for newborn baby: जन्म के तुरंत बाद शिशु को पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है। कई लोग इसे एक अंधविश्वास मानते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानते हैं। आइए जानते हैं कि क्या यह सिर्फ अंधविश्वास है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है।
पुराने कपड़े पहनाने का कारण
भारत में माना जाता है कि जन्म के बाद शिशु को पुराने कपड़े पहनाना शुभ होता है। यह केवल मान्यता नहीं, बल्कि इसका एक व्यावहारिक पक्ष भी है। कई परिवारों में यह धारणा है कि पुराने कपड़े पहनाने से शिशु को बेहतर आराम और सुरक्षा मिलती है।
पुराने कपड़े धोए गए और कई बार पहने जा चुके होते हैं, जिससे उनकी नरमाहट बढ़ जाती है। नवजात शिशु की त्वचा बेहद नाजुक होती है, और नए कपड़ों में मौजूद रसायन या सख्त कपड़ा उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पुराने कपड़े शिशु की त्वचा को सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं और उसे जलन या रैशेज़ से बचाते हैं।
क्या यह केवल अंधविश्वास है?
हालांकि कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन इसका आधार पूरी तरह से वैज्ञानिक है। शिशु को पुराने कपड़े पहनाना उसके स्वास्थ्य और त्वचा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, यह शिशु को गर्मी और आराम भी प्रदान करता है।
संक्रमण का खतरा होता है कम
जन्म के बाद शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, और नए कपड़ों में मौजूद कीटाणु या रसायन उसे संक्रमित कर सकते हैं। पुराने कपड़े अच्छी तरह से साफ किए जाते हैं और उनसे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है, जिससे शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
अतः यह कहा जा सकता है कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को पुराने कपड़े पहनाना न केवल एक परंपरा है, बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य और सुरक्षा भी कारण हैं। यह कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि एक सोच-समझकर अपनाई गई परंपरा है जो आज भी प्रासंगिक है।
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