अमलनेर स्थित मंगलदेव के मंदिर में मिलता है मंगल ग्रह का पौधा
Mangal Grah Mandir Amalner : अमलनेर। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में धुले के पास अमलनेर में मंगल ग्रह का एक प्राचीन मंदिर है, जहां पर प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में भक्त जन मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। मंगल दोष की शांति के लिए यहां पर मंगल देव का अभिषेक किया जाता है। इसी के साथ यहां पर मंगल देव से संबंधित वस्तुएं, यंत्र, औषधि और पौधे भी मिलते हैं।
यहां के ट्रस्टी सुरेश नीलकंठ पाटिल ने बताया कि मंगल के प्रतीक या स्वरूप के रूप में खदिर या खैर का पौधा माना जाता है।
मंगल का वास खैर पौधे में माना गया है। खैर की लकड़ी में अग्नि का वास होता है। खैर को पराक्रम का भी प्रतीक माना गया है। मंगल भी पराक्रमी है। खादिर की लकड़ी का उपयोग ज्यादातर पूजा आदि कामों के लिए इस किया जाता है। यह यज्ञ–हवन आदि कामों की समिधा में प्रयोग की जाने वाली नवग्रह लकड़ियों में से एक है। खैर के पेड़ बहुत ही मजबूत होते हैं। इसका तना हड्डियों की तरह कठोर होता है।
यहां पर मंगल ग्रह की नर्सरी के अलावा मंगल ग्रह मंदिर के बाहर स्थिति दुकानों पर भी औषधि से संबंधित पौधे और खाद भी मिलती है। उल्लेखनीय है कि मंगल ग्रह मंदिर परिसर में एक सुंदर गार्डन और नर्सरी भी हैं जिसे बहुत ही सुंदर फूल और पौधों से सजाया गया है जिसे देखकर भक्तों का मन प्रसन्न हो जाता है। रोटरी गार्डन के नाम से प्रसिद्ध इस बगीचे में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक वृक्ष लगे हुए हैं और व्यवस्थित रूप से विकसित किए गए इस गार्डन में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, फिसल पट्टी और सी-सा झूला भी लगाए गए हैं।