Surya dev ko arghya kaise de: मकर संक्रांति के दिन विशेष विधि और नियम से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना यानी जल अर्पित करने से जीवन का अंधकार नष्ट होकर जीवन प्रकाशमय हो जाता है। मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी सोमवार के दिन मनाया जाएगा। आओ जानते हैं सूर्यदेव को अर्घ्य देने की विशेष विधि।
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मकर संक्रांति सूर्य आराधना का पर्व
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सूर्य को अर्घ्य देने का तरीका
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सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र
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सूर्य को जल देने वाले लोटे में क्या डालें
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि- Surya dev ko arghya kaise de:-
- सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- एक सफेद या पीला वस्त्र धारण करें।
- तांबे के लोटे में जलभर कर उसमें मिश्री, कुंकुम, अक्षत, तिल तथा लाल रंग का फूल डालें।
- तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाएं।
- आसन पर खड़े होकर हाथों से तांबे के लोटे को पकड़ कर जल इस तरह चढ़ाएं कि सूर्य चढ़ाती जलधारा से दिखाई दें।
- हमेशा सूर्य को जल का अर्घ्य धीरे-धीरे चढ़ाएं ताकि जलधारा आपके आसन पर आकर गिरे।
अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का पाठ करें-
'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।' (11 बार)
- तत्पश्चात सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें।
- अपने स्थान पर ही तीन बार घुम कर परिक्रमा करें।
- अब आसन उठाकर उस स्थान को नमन करें।
इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, वीर्य, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं तथा सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।