गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Madhya Pradesh realizing the concept of Ramrajya
Written By
Last Modified: मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (08:42 IST)

रामराज्य की परिकल्पना को साकार करता मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार के 60 दिन पूरे

रामराज्य की परिकल्पना को साकार करता मध्यप्रदेश - Madhya Pradesh realizing the concept of Ramrajya
मध्यप्रदेश में रामराज्य और सुशासन की अवधारणा को साकार करने के लिये प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के नेतृत्व में प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है। सुशासन ही रामराज्य का स्वरूप है। राज्य सरकार ने 60 दिनों की अल्पावधि में जन कल्याण के लिये जो निर्णय लिये हैं उससे रामराज्य की परिकल्पना के अनुरूप हैं। इस निर्णय-प्रक्रिया में  सहभागी बनना सभी के लिये सौभाग्य की बात है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम हमारे रोम-रोम में बसे हैं। वे हमारे जीवन के हर क्षेत्र में हर कदम साथ हैं। यह रामराज्य की मूल अवधारणा में निहित शासन, त्वरित न्याय, खुशहाल और बेहतर समाज तथा जनभागीदारी शामिल है।

चित्रकूट एवं ओरछा सहित प्रदेश में संपूर्ण राम वन गमन पथ के सर्वांगीण विकास के लिये कार्य प्रारंभ हो गया है। भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरण जिन-जिन स्थानों पर पड़े हैं उन्हें तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने का संकल्प भी सरकार ने लिया है। सुशासन में समाज के सभी अंगों की सहभागिता जरूरी है। सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के शूरवीरों के जीवन और राष्ट्र के प्रति बलिदान की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के साथ भावी पीढ़ी को प्रेरित करने के लिये भारत वीर संग्रहालय की स्थापना का भी निर्णय लिया है।

भगवान श्रीराम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से सभी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में दृढ़ संकल्पित होकर राम राज्य और सुशासन की अवधारणा को धर्म, संस्कृति और विकास के बेहतर समन्वय के रूप में आगामी महाशिवरात्रि से गुड़ीपड़वा के मध्य उज्जैन में भव्य विक्रम व्यापार और उद्योग मेले का आयोजन होने जा रहा है। यह प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृति, आध्यात्मिक और आर्थिक विकास का प्रतिबिंब होगा। इसमें विक्रम वैदिक घड़ी, विक्रम पंचांग के लोकार्पण के साथ सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा।

धर्मप्रेमी जनता को बाबा महाकाल की नगरी के लिये हवाई यात्रा की सुविधा भी मिलेगी। प्रदेश में श्री केदारनाथ धाम की तरह इंदौर से उज्जैन एवं ओंकारेश्वर (ममलेश्वर) ज्योतिर्लिंग, जबलपुर से चित्रकूट, ग्वालियर से ओरछा एवं पीताम्बरा पीठ के लिये हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रारंभ की जाएंगी।

मध्यप्रदेश आध्यत्मिक और प्रभु श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा से सुशासित है। प्रदेशवासियों ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिकता की खुशियों को प्रभात फेरियों, कलश यात्राओं तथा विशेष स्वच्छता अभियान और दीपदान की रोशनी से जगमग कर अभिव्यक्त किया‍। लोकाचार और व्यवहार में भी वह अनंत खुशियां दिखाई दी। अयोध्या और हरिद्वार की तर्ज पर मध्यप्रदेश के घाटों को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। पवित्र नगरी चित्रकूट को विश्व स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के स्वरूप में विकसित करने और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को हवाई और रेल मार्ग से भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या की यात्रा का संकल्प जनता की खुशहाली का प्रतीक है।

सुशासन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सोच स्पष्ट है कि समाज के सभी वर्गों की सहभागिता के साथ सबके विकास को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ें। प्रदेश में प्रत्येक स्तर पर त्वरित पारदर्शी उत्तरदायी और संवेदनशील शासन व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। प्रत्येक संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक संभाग में एम्स की तर्ज पर मध्यप्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेडिकल साइंस स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे है।

सुशासन का समग्र परिणाम जवाबदेही, पारदर्शिता, भागीदारी, प्रभावशीलता और दक्षता में दिखाई पड़ता है। नियम स्पष्ट और सरल हों जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके, उसे कोई परेशानी न हो। प्रदेश के बहुसंख्यक किसानों की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स का गठन तथा प्राकृतिक खेती को समृद्ध और आधुनिक बनाएं जाने की कोशिशें, मध्यप्रदेश में दाल मिशन की शुरुआत, बागवानी के क्षेत्रफल को 20 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 30 लाख हेक्टेयर किया  जाने के निर्णय सुशासन की दिशा में बेहद सकारात्मक संदेश है।

सतत् विकास के कुछ दूरदर्शी तथा व्यापक उद्देश्य है जो भाषा, वर्ग, जाति तथा क्षेत्रीय पाबंदियों से परे है। समता तथा न्याय के साथ अधिकांश लोगों का जीवन स्तर पोषित हो और मुक्त, समावेशीय तथा भागीदारी निर्णय प्रक्रिया हो, यही सुशासित प्रदेश चाहता है।  राम राज्य की अवधारणा पर आधारित लोककल्याण के कार्य मध्यप्रदेश के करोड़ों लोगों की बेहतरी का मार्ग प्रशस्त कर रहे है।
 

ये भी पढ़ें
Live : ट्रैक्टर, ट्रॉली से किसान संगठनों का दिल्ली मार्च, सुरक्षाबलों की ड्रोन से नजर