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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: सोमवार, 31 जुलाई 2023 (11:04 IST)

इंदौर में अमित शाह ने नाराज नेताओं से की चर्चा, असंतुष्ट नेताओं को चुनावी कमेटियों में तरजीह

इंदौर में अमित शाह ने नाराज नेताओं से की चर्चा, असंतुष्ट नेताओं को चुनावी कमेटियों में तरजीह - BJP engaged in persuading angry leaders before elections
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अमित शाह की अगुवाई में जीत का बिगुल फूंक दिया है। रविवार को इंदौर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को टूक संदेश देते हुए कहा कि अगर हम मध्यप्रदेश जीत गए तो समझो अगले 50 साल केंद्र में भाजपा की सरकार ही ऱहेगी।

असंतुष्ट नेताओं को मनाने पर जोर-विधानसभा चुनाव में पूरी पार्टी को एकजुट करने के लिए लंबे समय से पार्टी में साइडलाइन किए जाने से नाराज चल रहे नेताओं को अब अहम जिम्मेदारी दिए जाने के साथ पार्टी के शीर्ष नेता उनसे वन-टू-वन बातचीत कर रहे है। रविवार को इंदौर दौरे के दौरान अमित शाह ने पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं से बात की जो  लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे।

इसके साथ पार्टी चुनाव से जुड़ी समितियों में ऐसे नेताओं को प्रमुखता से स्थान दे रही है जो अब तक भाजपा की राजनीति में साइडलाइन नजर आ रहे थे। उदाहरण के तौर पर भाजपा की घोषणा पत्र समिति के प्रमुख जयंत मलैया को बनाया गया है जो कहीं न कहीं पार्टी में 2018 के बाद से हाशिए पर नजर आ रहे थे। इसके साथ घोषणा पत्र समिति कासह प्रमुख प्रभात झा को बनाने के साथ पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को शामिल किया गया है। वहीं चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण चुनाव प्रबंधन समिति में सीनियर विधायक अजय विश्नोई को भी शामिल किया गया है। अजय विश्नोई अक्सर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर नजर आते है। इसके साथ विधायक प्रदीप लारिया और हेमंत खंडेवाल को भी चुनाव प्रबंधन समिति में शामिल किया गया है।

दरअसल चुनाव से पहले मध्यप्रदेश भाजपा नेताओं में नाराजगी साफ देखने को मिल रही थी। चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बनाए गए नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी के नाराज नेताओं से वन-टू-वन चर्चा कर उनकी नाराजगी दूर करने का काम कर रहे है। 2018 के चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी से चुनाव से पहले हर हाल में नाराज नेताओं को मनाने का काम कर रही है। पार्टी की पूरी कोशिश है कि अगर कोई नेता किसी बात से नाराज है तो उसकी नाराजगी को दूर किया जाएगा। इसके लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पिछले लंबे समय से पार्टी में सीनियर नेताओं की नाराजगी को देखते हुए पार्टी को इस बात का अहसास हो चुका है कि रूठों को मनाए बगैर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है, क्योंकि चुनाव जीतने के लिए सभी को साथ लाना जरूरी है।
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