Madhya Pradesh Assembly Election Voting : मध्यप्रदेश में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान आज सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच होगा और 5 करोड़ 60 लाख से अधिक मतदाता 2533 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) में कैद कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं।
मतदान राज्य के लगभग 64 हजार 626 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे प्रारंभ होगा, जो शाम 6 बजे तक चलेगा, लेकिन नक्सली प्रभावित बालाघाट जिले के बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों में मतदान दिन में तीन बजे समाप्त हो जाएगा।
इसी तरह नक्सली प्रभाव के कारण मंडला जिले के बिछिया विधानसभा क्षेत्र के 47 और मंडला विधानसभा क्षेत्र के आठ मतदान केंद्रों तथा डिंडोरी जिले के डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले 40 मतदान केंद्रों पर भी वोट डालने का कार्य दिन में तीन बजे समाप्त हो जाएगा। राज्य में शेष सभी मतदान केंद्रों पर शाम छह बजे तक वोट डाले जा सकेंगे।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर सात बजे मतदान प्रारंभ होने के पहले 'मॉक पोल' की कार्यवाही की जाएगी। इस बीच लगभग 64 हजार 626 मतदान दल ईवीएम, वीवीपीएटी और अन्य साजोसामान के साथ अपने अपने मतदान केंद्रों पर पहुंच गए हैं। मतदान केंद्रों पर निर्धारित मापदंड के अनुरूप आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि क्रिटिकल मतदान केंद्रों की संख्या 17032 है। कुल 1316 वल्नरेबल क्षेत्र चिंहित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। लगभग 4028 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई है, जो मतदान में बाधा पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ पहले से ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए राज्य पुलिस बल के अधिकारियों और जवानों के अलावा रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया है। नॉन फोर्स मेजर के तहत कुल 42 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखने की व्यवस्था की गई है। मतदान के दौरान प्रत्येक जिला मुख्यालय पर तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम से वेबकॉस्टिंग को लाइव देखा जा सकेगा।
निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं से वोट डालने का अनुरोध करते हुए कहा कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए काफी कदम उठाए गए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.63 प्रतिशत और वर्ष 2013 के चुनाव में 72.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।
राज्य में सोलहवीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं की किस्मत भी मतदान के बाद ईवीएम में कैद हो जाएगी।
कुल 2533 प्रत्याशियों में भाजपा और कांग्रेस के 230-230 के अलावा बसपा के 181, सपा के 71 और 1166 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। मतदाताओं की कुल संख्या 5 करोड़ 60 लाख 58 हजार से अधिक है, जिनमें 2 करोड़ 87 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष और 2 करोड़ 71 लाख, 99 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। अन्य मतदाता यानी थर्ड जेंडर की संख्या 1292 है।
पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत (116 सीट) नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में राज्य में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनाई थी। भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा चार निर्दलीयों के साथ ही बसपा के 2 और सपा के एक प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी।
मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के दलबदल के कारण कांग्रेस सरकार गिर गई थी और भाजपा फिर से सत्ता में आ गई। इसके बाद हुए उपचुनावों के चलते विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 127 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 96 हो गई है। नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर 3 दिसंबर को मतगणना के साथ साफ हो जाएगी। (एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour