राजकोट में पृथ्वी शॉ ने जड़ा शतक, पटना के गांव में मनी होली-दिवाली
पटना। बिहार की माटी के लाल 'वंडर ब्वाय' पृथ्वी शॉ के गुरुवार को अपने पदार्पण टेस्ट मैच में शतक जड़ने के साथ ही उनके पैतृक गांव गया जिले के मानपुर के पटवा टोली में दीपावली और होली एक साथ मन गई।
राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत की ओर से पृथ्वी के चयन किए जाने के बाद से ही उनके पटवा टोली गांव में जश्न का माहौल बना हुआ था। पृथ्वी जब आज भारत की पारी की शुरुआत करने आए तब उनके पटवा टोली गांव के लगभग सभी घरों में टीवी सेट खुले हुए थे और लोग अपना-अपना कामकाज छोड़कर टीवी सेट से चिपके रहे।
बल्लेबाजी के लिए पृथ्वी के पिच पर आते ही टीवी पर मैच देख रहे लोगों ने जमकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। पृथ्वी के दौड़कर रन लेते ही मैच देख रहे लोग काफी उत्साहित हो गए और बोलने लगे कि आज कोई शतक बनाएगा तो वह है पृथ्वी। उसके 50 का आंकड़ा पार करते ही लोग भगवान से उसके लिए प्रार्थना करने लगे।
जैसे-जैसे पृथ्वी शतक की ओर बढ़ने लगे लोग टीवी के सामने से हटने का नाम नहीं ले रहे थे। वे केवल पृथ्वी का शतक पूरा होता देखना चाह रहे थे।
पृथ्वी का शतक पूरा होते ही पटवा टोली गांव में दिन के उजाले में ही दीपावली के साथ ही होली का जश्न मनाया गया। लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर पृथ्वी के शतक का जश्न मनाते रहे। ऐसा लग रहा था जैसे आज ही दीपावली और होली है। कोई किसी को रोक-टोक नहीं रहा था। सब एक दूसरे को बधाई देते हुए नजर आ रहे थे।
वहीं, पटवा टोली में रहने वाले पृथ्वी शॉ के दादा अशोक शाह अपने पौत्र के शतक जमाए जाने पर काफी प्रसन्न नजर आए और कहा कि सब यह ईश्वर की कृपा है। पृथ्वी से उन्हें और उनके परिवार को इसी तरह की उम्मीद थी कि एक न एक दिन वह देश का नाम जरूर रौशन करेगा।
पृथ्वी की दादी रामदुलारी देवी, बुआ ज्योति देवी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पड़ोसी भी सुबह से ही पृथ्वी के दादा के साथ घर में जमे हुए थे। मैच देखने के दौरान किसी तरह की बाधा न हो इसके लिए मुख्य प्रवेश द्वार पर खड़े व्यक्ति को विशेष रूप से हिदायत दी गई थी कोई भी शोरगुल नहीं करेगा।
जब पृथ्वी के बल्ले से चौका लगता था, तभी शोरगुल होता। पृथ्वी मैच में शतक जमाए, इसके लिए दादी रामदुलारी देवी उपवास पर थीं क्योंकि पृथ्वी की जिंदगी का आज सबसे अहम दिन था। जैसे ही पृथ्वी ने अपना शतक पूरा किया दादी ने पूजा के कमरे में जाकर भगवान की पूजा की और मिठाइयां बांटी। घर के पास ही पटाखे फोड़े जाने लगे।