एकदिवसीय स्थलों में 'मुफ्त पास' को लेकर घमासान, राजकोट टेस्ट की नहीं बिक रही टिकटें
राजकोट। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार से यहां शुरू हो रहे पहले क्रिकेट टेस्ट के सिर्फ 10 प्रतिशत टिकट बेच पाया है जबकि स्टेडियम की क्षमता 25000 दर्शकों की हैं। टेस्ट के बाद होने वाली एकदिवसीय श्रृंखला के मुफ्त पासों को लेकर जहां अन्य राज्य इकाइयों में घमासान मचा हुआ है वहीं राजकोट टेस्ट के मेजबानों को टेस्ट मैच के टिकट बेचने के लिए जूझना पड़ रहा है।
मुफ्त पासों का विवाद : मुफ्त पासों के वितरण में राज्य संघ और बीसीसीआई के बीच मतभेद के बाद भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे वनडे की मेजबानी इंदौर से छीनकर विशाखापत्तनम को सौंप दी गई है। एससीए को हालांकि मुफ्त में टिकट देने के बावजूद अपने सिर्फ दूसरे मैच की मेजबानी कर रहे स्टेडियम को भरने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
निरंजन शाह निराश : अनुभवी प्रशासक निरंजन शाह ने कहा, ‘यह दु:खद है कि यहां स्थिति उलट है (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर रही अन्य राज्य इकाइयों की तुलना में)। राजकोट दिल्ली और मुंबई की तरह बड़ा शहर नहीं है और हमने राजकोट जैसे छोटे शहर में ठीक-ठाक दर्शकों की उम्मीद की थी। फिलहाल हालांकि ऐसा नहीं लग रहा क्योंकि 2000 से कुछ ही अधिक टिकट बेचे जा सके हैं। लेकिन हमें नहीं पता कि लोग रुचि क्यों नहीं दिखा रहे। उम्मीद करते हैं कि सप्ताहांत तक टिकटों की बिक्री में इजाफा होगा।’
10 प्रतिशत टिकट स्कूली बच्चों के लिए : चार दशक से अधिक समय तक एससीए का हिस्सा रहे शाह के पास फिलहाल संघ में कोई पद नहीं है और वह श्रृंखला के पहले मैच की तैयारियां देख रहे हैं। एससीए ने दर्शकों की संख्या में इजाफे के लिए सभी जिलों के पुरुष और महिला खिलाड़ियों को भी टिकट बांटे हैं। शाह ने कहा, ‘बीसीसीआई के फरमान के अनुसार मैच के 10 प्रतिशत टिकट स्कूली बच्चों के लिए आरक्षित हैं, इसलिए वे भी मैच देखने आएंगे। हालांकि इसके बावजूद लोगों का रुचि नहीं दिखाना दुर्भाग्यपूर्ण है।’