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Last Updated : मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 (11:33 IST)

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर पढ़ें 10 में से कोई एक पाठ, बजरंगबली होंगे प्रसन्न

Hanuman Jayanti
Hanuman Jayanti 2024: चैत्र मास पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। 23 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन हनुमान जयंती मनाई जा रही है। इस दिन अधिकतर लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं परंतु इसके अलावा भी हनुमानजी के कई महत्वपूर्ण पाठ हैं जिन्हें भी पढ़ना चाहिए। यहां उन पाठों की एक लिस्ट प्रस्तुत है।
1. हनुमान चालीसा :- हनुमान चालीसा का 1000 या 108 बार पाठ करने से व्यक्ति हर तरह के संकट से बच जाता है। इसकी के साथ उसके सारे बंधन कट जाते हैं। कहते भी हैं कि जो शतबार पाठ कर कोई छूटी बंदी महासुख होई।
 
2. बजरंग बाण :- यह पाठ जातक को सभी तरह के षड़यंत्र, छल, धोखे और शत्रुओं से बचाता है। हालांकि इस पाठ को करने के पहले आपको यह जरूर जान लेना चाहिए कि जिन्हें मैं शत्रु समझ रहा हूं कहीं मैं तो उनका शत्रु नहीं हूं? कहीं मैं तो उनके साथ बुरा नहीं कर रहा हूं? क्योंकि हनुमानजी सच्चे और निर्दोष लोगों का ही साथ देते हैं। 21 दिन तक इसका पाठ करने से तुरंत फल मिलता है। 
3. हनुमान बाहुक का पाठ:- यह पाठ आपको सभी तरह के शारीरिक दर्द के साथ ही गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से भी बचाता है। जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें। हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
 
4. सुंदरकांड का पाठ : तुलसीकृत महाकाव्य रामचरित मानस का पंचम सोपान है सुंदरकाण्ड। सुंदरकाण्ड में रामदूत, पवनपुत्र हनुमान का यशोगान किया गया है। सुंदरकाण्ड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। किसी भी प्रकार की परेशानी या संकट हो, सुंदरकाण्ड के पाठ से यह संकट तुरंत ही दूर हो जाता है। सुंदरकांड के पाठ से भूत, पिशाच, यमराज, शनि राहु, केतु, ग्रह-नक्षत्र आदि सभी का भय दूर हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार भी विषम परिस्थितियों सुंदरकांड पाठ करने की सलाह दी जाती है। जीवन में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो आप संकल्प लेकर लगातार सुंदरकांड का पाठ करें। सुंदरकांड पाठ से एक नहीं बल्कि अनेक सैकड़ों समस्याओं का समाधान तुरंत मिलने लगता है। सुंदरकाण्ड का पाठ करने से व्यक्ति के मन से भय जाता रहता है और आत्मविश्वास एवं इच्छाशक्ति प्रबल हो जाती है। 
5. रामचरित मानस या मूल रामायण का पाठ : यदि समय हो तो रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए या फिर मूल रामायण का पाठ करें। इसे पढ़कर हनुमानजी अति प्रसन्न होकर भक्त को आशीर्वाद देते हैं।
 
6. हनुमान अष्टक : किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी है। इस पाठ से हर बाधा का नाश होता है और संकटों का अंत होता है। 
7. हनुमान वडनाल स्त्रोत : इंद्रा‍दि देवताओं के बाद धरती पर सर्वप्रथम विभीषण ने ही हनुमानजी की शरण लेकर उनकी स्तुति की थी। विभीषण को भी हनुमानजी की तरह चिरंजीवी होने का वरदान मिला है। वे भी आज सशरीर जीवित हैं। विभीषण ने हनुमानजी की स्तुति में एक बहुत ही अद्भुत और अचूक स्तोत्र की रचना की है। विभीषण द्वारा रचित इस स्तोत्र को 'हनुमान वडवानल स्तोत्र' कहते हैं।
 
8. मारुति स्त्रोत : हनुमानजी का एक नाम मारुति भी भी है। यह स्तोत्र बेहद ही प्रभावशाली है। इस स्तोत्र के माध्यम से अंजनी पुत्र हनुमाजी क विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। मारुति स्त्रोत की रचना समर्थ गुरु रामदास ने की थी। 
 
9. श्री हनुमान सहस्त्रनाम स्तोत्रम : इस स्त्रोत में हनुमानजी के 1000 नामों का वर्णन मिलेगा। इस पाठ का फल तुरंत मिलता है।
10. विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र : विभीषण द्वारा निर्मित विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र भगवान हनुमान जी को समर्पित है। विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र का नियमित पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं, भय, भूत, प्रेत बाधा, क्रोध, शत्रु बाधा, रोग तथा दुष्ट सभ्यता का नाश करने में यह स्तोत्र अत्यंत लाभकारी है। विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र सभी रोगों के निवारण, शत्रु निवारण, पीड़ा निवारण, अनुष्ठान निवारण, राजसत्ता मुक्ति आदि अनेक प्रयोगों में काम आता है।
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