Hanuman jayanti 2023: हनुमानजी की वैसे तो ऐसी कई बातें हैं जो शायद अभी तक लोगों ने नहीं सुनी होगी। वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस के अलावा भी अन्य रामायणों और पुराणों में उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातों का वर्णन हमें मिलता है। आओ उन्हीं में से हम जानते हैं 10 ऐसी बातें जो सचमुच ही हमें हैरान कर देती हैं।
1. एक कल्प तक धरती पर रहेंगे हनुमानजी : श्रीराम की आज्ञा से हनुमानजी एक कल्प तक इस धरती पर रहेंगे। एक कल्प में चारों युग के कई चक्र होते हैं।
2. कहां रहते हैं हनुमानजी : कहते हैं कि हनुमानजी नेपाल तिब्बत सीमा पर स्थित गंधमादन पर्वत पर रहते हैं और वे वहां पर रहते हैं जहां पर रामायण का पाठ होता है। जगन्नाथ पुरी की रक्षार्थ वे वहां पर भी विराजमान हैं।
3. हनुमानजी के गुरु : सूर्य, नारद के अलावा एक मान्यता अनुसार हनुमानजी के गुरु मातंग ऋषि भी थे। मातंग ऋषि शबरी के गुरु भी थे।
4. हनुमद रामायण: वाल्मीकि रामायण से पहले हनुमानजी ने रामायण को एक शिला पर अपने नाखुनों से लिख दिया था। यह 'हनुमद रामायण' के नाम से प्रसिद्ध है। परंतु बाद में उन्होंने वाल्मीकि जी की निराशा को देखते हुए इसे समुद्र में फेंक दिया था।
5. माता जगदम्बा के सेवक हनुमान : रामभक्त हनुमानजी माता जगदम्बा के सेवक हैं। हनुमानजी माता के आगे-आगे चलते हैं और भैरवजी पीछे-पीछे।
6. हर युग में दर्शन देते हैं हनुमाजी : भीम और अर्जुन ने द्वापर युग में हनुमानजी के दर्शन किए थे वहीं कलियुग में तुलसीदासजी, समर्थरामदास, भक्त माधवदास, नीम करोली बाबा, राघवेन्द्र स्वामी आदि कई लोगों ने उनके साक्षात दर्शन किए हैं।
7. ब्रह्मास्त्र है हनुमानजी पर बेअसर : हनुमानजी के पास कई वरदानी शक्तियां थीं लेकिन फिर भी वे बगैर वरदानी शक्तियों के भी शक्तिशाली थे। ब्रह्मदेव ने हनुमानजी को तीन वरदान दिए थे, जिनमें उन पर ब्रह्मास्त्र बेअसर होना भी शामिल था, जो अशोकवाटिका में काम आया।
8. हनुमानजी के 5 सगे भाई : ब्रह्मांडपुराण के अनुसार राज केसरी के 6 पुत्र थे, जिनमें सबसे बड़े पुत्र हनुमानजी थेl हनुमानजी के भाईयों के नाम क्रमशः मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान था।
9. हनुमानजी की माता एक अप्सरा थी : इंद्रदेव के दरबार में पुंजिकस्थल नाम की एक अप्सरा को एक ऋषि ने पृथ्वी पर वानर के रूप में जन्म लेने का शाप दिया था। इसलिए, उन्होंने एक वानर राजकुमारी के रूप में जन्म लिया और एक वानर प्रमुख केसरी से विवाह किया। हनुमानजी को जन्म देने के बाद वे शाप मुक्त हो गई थीं।
10. हनुमान के भक्तों को क्यों नहीं सताते हैं शनिदेव जी : एक बार अहंकारी लंकापति रावण ने शनिदेव को कैद कर लिया और उन्हें लंका में एक जेल में डाल दिया। जब तक हनुमानजी लंका नहीं पहुचें तब तक शनिदेव उसी जेल में कैद रहे। जब हनुमान सीता मैया की खोज में लंका में आए तब मां जानकी को खोजते-खोजते उन्हें भगवान् शनि देव जेल में कैद मिले। हनुमानजी ने तब शनि भगवान को कैद से मुक्त करवाया। मुक्ति के बाद उन्होंने हनुमानजी का धन्यवाद दिया और उनके भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखने का वचन दिया।