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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :जम्मू , गुरुवार, 29 जून 2023 (16:52 IST)

Amarnaath Yatra: कल रवाना होगा पहला जत्था, तैयारियां पूरी, 1.50 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात

Amarnaath Yatra: कल रवाना होगा पहला जत्था, तैयारियां पूरी, 1.50 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात - First batch will leave for Baba Amarnath Yatra
Amarnaath Yatra शुक्रवार यानी 30 जून की सुबह जम्मू से पहला जत्था बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा के लिए रवाना होगा। अगर मौसम ने साथ दिया तो 1 जुलाई की शाम को ही पहले जत्थे के श्रद्धालु 14,500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के प्रथम दर्शन करेंगे। यात्रा में शामिल होने जा रहे लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक 135 से अधिक लंगरों की व्यवस्था स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा की गई है। यही नहीं, सेना समेत 1.50 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी करीब 62 दिनों तक लखनपुर से लेकर गुफा तक श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहेंगे।
 
15 हजार श्रद्धालुओं शामिल होने की अनुमति : प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को पहलगाम तथा बालटाल के रास्ते यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। अभी तक करीब 3 लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण विभिन्न माध्यमों से करवाया है जबकि 30 जून से ऑन स्पॉट पंजीकरण की भी घोषणा कर दी गई है।
 
यात्रा का मुख्य बेस कैंप जम्मू के यात्री भवन में बनाया गया है, जहां पिछले कई दिनों से चल रही तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। हालांकि इस बार मानसून जल्दी आने से श्रद्धालुओं को चिंता इस बात की है कि खराब मौसम से परेशानी यात्रा मार्ग में भी हो सकती है। दोनों मार्गों पर 2 दिनों से मौसम बार-बार आंख-मिचौनी खेल रहा है।
 
यात्रा मार्ग सीआरपीएफ के हवाले : जम्मू से लेकर बालटाल तथा पहलगाम तक के यात्रा मार्ग की सुरक्षा को केरिपुब (सीआरपीएफ) के हवाले किया जा चुका है। पहलगाम से गुफा तथा बालटाल से गुफा तक के रास्तों पर सेना और बीएसएफ भी स्थानीय पुलिस का साथ दे रही है जबकि गुफा के बाहर इस बार सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी के हवाल है।

अनुमानत: 1.50 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी यात्रा के मोर्चे पर तैनात किए जा चुके हैं। यही नहीं, प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी तक का ध्यान अब अमरनाथ यात्रा के प्रति ही इसलिए है, क्योंकि यह अब धार्मिक से राष्ट्रीय यात्रा का रूप धारण कर चुकी है जिस कारण आतंकी नजरें भी इस पर टिकी हुई हैं।
 
श्रद्धालुओं के लिए 135 से अधिक लंगरों की स्थापना:  अनुमानित आने वाले करीब 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं के लिए 135 से अधिक लंगरों की स्थापना के साथ-साथ ठहरने की व्यवस्थाओं का इंतजाम पूरा हो चुका था। स्वास्थ्य सेवाएं हाई अलर्ट पर कर दी गई थीं, क्योंकि पिछले कई सालों से यात्रा में शामिल होने वालों में 100 के करीब प्रतिवर्ष हृदयगति रुकने से मौत के मुंह में जा रहे हैं। इतना जरूर था कि आतंकियों से निपटने की तैयारियों में कहीं ढील नहीं थी औरइसकी पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जिनके जिम्मे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का भार है।
 
1.50 लाख सुरक्षाकर्मी तैनात : केंद्र की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को अमरनाथ यात्रा मार्ग, गुफा के आसपास के इलाकों और यात्रियों की सुरक्षा की खातिर आधार शिविरों व राजमार्ग पर तैनात किया जा चुका है। अंदाजन 1.50 लाख सुरक्षाकर्मियों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है। इसमें वे सैनिक शामिल नहीं हैं, जो रूटीन में आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में अपने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते रहते हैं।
 
अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादियों और उनकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा पहाड़ों से होकर गुजरती है और पहाड़ों के चप्पे-चप्पे पर सैनिकों को तैनात नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी अमरनाथ यात्रा के जत्थों की सुरक्षा के लिए वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया गया है। 
 
Edited by: Ravindra Gupta