आईपीएल मैचों के सिग्नल चुराने वाले अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी गिरोह का खुलासा, एजेंट गिरफ्तार
इंदौर। आईपीएल टूर्नामेंट के 27 मई को मुंबई में खेले जाने वाले फाइनल से पहले मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते ने सट्टेबाजी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए इसके एजेंट को धरदबोचा है।
तकनीकी रूप से बेहद शातिर गिरोह आईपीएल मैचों के सीधे प्रसारण के आधिकारिक सिग्नल चुराकर एक वेबसाइट पर इनकी लाइव स्ट्रीमिंग कर रहा था। इसके जरिए सट्टेबाज टीवी की तुलना में 8 सेकंड पहले ये टी-20 मुकाबले देखकर कथित रूप से करोड़ों रुपए के दांव लगा रहे थे।
राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रसारण क्षेत्र की कंपनी स्टार इंडिया की शिकायत पर गहन जांच के बाद सट्टेबाजी गिरोह के एजेंट अंकित जैन उर्फ मुन्नू जॉकी को सूबे के विदिशा जिले से गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि वह कई लोगों से आईपीएल मैचों पर लाखों रुपए का सट्टा लगवा चुका है।
गौरतलब है कि स्टार इंडिया ने 16,347.50 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाकर बीसीसीआई से वर्ष 2018 से 2022 तक के लिए आईपीएल मैचों के मीडिया (टीवी और डिजिटल) अधिकार खरीदे हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में गिरफ्तार एजेंट सट्टेबाजी गिरोह के फरार सरगना अमित मजीठिया के सीधे संपर्क में था। मजीठिया मूलत: गुजरात का रहने वाला है। उसके फिलहाल दुबई में होने का संदेह है। सिंह ने बताया कि मजीठिया का गिरोह सीबीटीमैजिकबॉक्स.इन नाम की वेबसाइट चला रहा था। वेबसाइट के नाम में शामिल शुरुआती 4 अक्षरों- सीबीटीएफ का फुल फॉर्म 'क्रिकेट बेटिंग टिप्स फॉर फ्री' है।
यह गिरोह आईपीएल मैचों के उन सिग्नलों को किसी अत्याधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से चुरा रहा था, जो स्टार इंडिया द्वारा आधिकारिक तौर पर प्रसारित किए जा रहे थे। चुराई गई वीडियो फीड लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए सीधे वेबसाइट पर जारी की जा रही थी और इस अवैध प्रसारण के जरिए सट्टेबाजी के दांव लगाए जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह अपनी वेबसाइट पर आईपीएल मैचों की रॉ फीड (विज्ञापनों और अन्य कार्यक्रमों के बगैर इन मुकाबलों के सीधे दृश्य) जारी कर रहा था। यही नहीं, इस वेबसाइट पर टीवी की तुलना में 8 सेकंड पहले आईपीएल मैचों का सीधा प्रसारण देखा जा रहा था। हमें पक्का संदेह है कि 8 सेकंड के इस अंतर का बेजा फायदा उठाकर सट्टेबाजों ने करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए होंगे।
सिंह ने हालांकि बताया कि यह तकनीकी गुत्थी फिलहाल नहीं सुलझ सकी है कि आईपीएल मैचों के सिग्नल चुराने के बाद इन्हें वेबसाइट पर सीधे प्रसारित करने के गोरखधंधे को किस तरह अंजाम दिया जा रहा था? इस रहस्य के भंडाफोड़ के लिए तकनीक के जानकारों की मदद ली जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि आईपीएल मैचों का अवैध प्रसारण करने वाली वेबसाइट की लिंक गिरोह के प्रमुख लोगों और चुनिंदा एजेंटों को ही भेजी जाती थी। एजेंट इस वेबसाइट पर टीवी के मुकाबले 8 सेकंड पहले ही आईपीएल मैच की वास्तविक स्थिति देख लेते थे। इसके बूते वे लोगों को मोटा फायदा कराने का लालच देकर सट्टेबाजी की टिप्स देते थे और उन्हें बड़े दांव लगाने के लिए कहते थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के 3 अन्य लोगों के भी भारत से बाहर होने के सुराग मिले हैं। इनमें मुंबई का तथाकथित बिल्डर हितेश खुशलानी, गुजरात निवासी हरेश चौधरी और उसकी पत्नी पूनम शामिल हैं। गिरोह के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए उच्चस्तरीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है। मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड विधान की संबद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। विस्तृत जांच जारी है।