शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Statement of UGC Chairman M Jagadesh Kumar regarding CUET
Written By
Last Modified: बुधवार, 17 मई 2023 (19:28 IST)

UGC अध्यक्ष बोले- CUET से खत्म नहीं होगी बोर्ड की अहमियत

UGC अध्यक्ष बोले- CUET से खत्म नहीं होगी बोर्ड की अहमियत - Statement of UGC Chairman M Jagadesh Kumar regarding CUET
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) लिए जाने से बोर्ड परीक्षाओं के अप्रासंगिक हो जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, बोर्ड परीक्षाएं एक 'उपलब्धि परीक्षा' हैं, जबकि सीयूईटी-यूजी एक 'चयन परीक्षा' है। इसलिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के अप्रासंगिक होने की कोई संभावना नहीं है।

सीबीएसई की 12वीं कक्षा में इस साल उत्तीर्ण विद्यार्थियों और 90 फीसदी तथा 95 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी आने से यह बहस शुरू हो गई है, क्या सीयूईटी ने बोर्ड परीक्षाओं से ध्यान हटा दिया है और क्या यह दीर्घावधि में बोर्ड परीक्षाओं को अप्रासंगिक बना देगा।

उन्होंने कहा, विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए बुनियादी योग्यता में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह है उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की हो। उन्होंने कहा, बोर्ड परीक्षाएं एक ‘उपलब्धि परीक्षा’ हैं, जबकि सीयूईटी-यूजी एक ‘चयन परीक्षा’ है। इसलिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के अप्रासंगिक होने की कोई संभावना नहीं है।

इस साल सीयूईटी-यूजी परीक्षा का आयोजन 21 मई से शुरू होगा। यूजीसी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश और अन्य परीक्षाओं जैसे कि जेईई (इंजीनियरिंग) और नीट (मेडिकल) के लिए मूलभूत पात्रता मानदंड एक प्रमुख कारक है।

उन्होंने कहा, विश्वविद्यालयी प्रवेश परीक्षा के सिद्धांत एक साझा परीक्षा की मांग करते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) उच्च गुणवत्ता वाली ‘सामान्य अभियोग्यता परीक्षा’ के लिए काम कर रही है। इसके अलावा यह विज्ञान, मानविकी, भाषा, कला और व्यावसायिक विषयों में विषय आधारित विशेष सामान्य परीक्षा का अयोजन कर रही है।

उन्होंने कहा, ये परीक्षाएं अवधारणात्मक समझ और ज्ञान को लागू करने की क्षमता का परीक्षण करेंगी और इनका लक्ष्य इन परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने की आवश्यकता को समाप्त करना होगा। कुमार ने कहा, विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए विषयों का चयन करने में सक्षम हैं और प्रत्‍येक विश्वविद्यालय विद्यार्थी के व्यक्तिगत विषयगत पोर्टफोलियो को देखने में सक्षम होगा और उनकी व्यक्तिगत रुचियों और प्रतिभा के आधार पर अपने कार्यक्रमों में प्रवेश देगा।

यह पूछे जाने पर कि बोर्ड परीक्षा के अंकों के मुकाबले सीयूईटी किस तरह विद्यार्थियों को स्नातक में दाखिला लेने में मदद करेगा, इस पर कुमार ने कहा पहले विद्यार्थी अपनी पसंद के विश्वविद्यालय में दाखिल के लिए 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 95 फीसदी से अधिक अंक लाने के लिए तनाव में रहते थे, लेकिन सीयूईटी के लागू होने से बोर्ड परीक्षा में बहुत अधिक अंक लाने का तनाव कम हो गया है।

इसके अलावा प्रश्नों की प्रकृति और अंक देने की पद्धति में भिन्न्ता के कारण विभिन्न बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले अंकों में भी बहुत अंतर होता है। ये चीजें अब सीयूईटी के तहत मानकीकृत होंगी। यूजीसी ने पिछले साल मार्च में घोषणा की थी कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक में दाखिले के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी और कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

पहली बार सीयूईटी-यूजी परीक्षा पिछले साल जुलाई में कराई गई थी, हालांकि इसमें कुछ तकनीकी खामियां आई थीं, जिसके कारण एनटीए को कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। इस वर्ष सीयूईटी-यूजी के लिए लगभग 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो पिछले वर्ष के पहले संस्करण से 41 प्रतिशत अधिक हैं। आवेदकों की संख्या के लिहाज से सीयूईटी-यूजी देश की दूसरी सबसे बड़ी परीक्षा है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
Pakistani Drone : भारतीय सीमा में फिर घुसे 2 पाकिस्तानी ड्रोन, 15 किलो से ज्‍यादा हेरोइन बरामद