माली के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अब भी विद्रोही सैनिकों के कब्जे में
बमाको (माली)। माली में सरकार में हुई फेरबदल में सैन्य शासक के 2 सदस्यों को शामिल नहीं किए जाने के कुछ ही घंटे बाद विद्रोही सैनिकों ने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बंधक बना लिया और वे मंगलवार को सैनिकों के ही कब्जे में हैं। सेना ने 9 महीने पहले माली में तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी।
अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र, पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्रीय समूह (इकोवास) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों ने राष्ट्रपति बाह एनडॉव और प्रधानमंत्री मोक्टर ओउने को तत्काल रिहा किए जाने की मांग की। उन्हें सोमवार रात को काती सैन्य मुख्यालय ले जाया गया था। यह इलाका राजधानी से करीब 15 किलोमीटर दूर है और सैन्य शासकों का गढ़ रहा है।
दोनों नेताओं की रिहाई की मांग वाले संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों ने माली में राजनीतिक सत्ता हस्तांतरण बहाल होने और तय समयसीमा में यह प्रक्रिया समाप्त होने की जरूरत बताई। बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जबरन इस्तीफे समेत तमाम कार्रवाइयों का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि आज का यह अविवेकपूर्ण फैसला भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को माली के समर्थन में आने से रोकेगा।
संयुक्त बयान के अनुसार इकोवास का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को बमाको का दौरा करेगा। सेना ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। बमाको में मंगलवार को शांति रही। माली के सरकारी टीवी ने केवल सरकार के नए सदस्यों की घोषणा वाले आधिकारिक बयान का ही प्रसारण बार-बार किया।
इस घटनाक्रम से एक नई चिंता उभरकर सामने आई है कि क्या मौजूदा सरकार स्वतंत्र रूप से भविष्य में काम कर पाएगी और अगले साल फरवरी में माली में तय लोकतांत्रिक चुनाव को आयोजित कराने की योजना को आगे बढ़ा पाएगी? संयुक्त राष्ट्र माली में शांति रक्षण अभियानों पर हर साल 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है। दोनों नेताओं ने पिछले साल सितंबर में शपथ ली थी। तब सत्तारूढ़ सैन्य शासक अंतरराष्ट्रीय दबाव में असैन्य सरकार को सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार हो गए थे। (भाषा)