एच-4 वीजाधारकों के वर्क परमिट पर अमेरिका में बवाल
वॉशिंगटन। प्रभावशाली सांसदों और फेसबुक समेत अमेरिकी आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों ने एच-4 वीजाधारकों को काम करने की मंजूरी (वर्क परमिट) खत्म करने की ट्रंप प्रशासन की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है।
फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी शीर्ष आईटी कंपनियों द्वारा सिलिकॉन वैली में स्थापित एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस ने कल एक रिपोर्ट में कहा कि इस नियम को खारिज करना और अमेरिकी कार्यबल से हजारों लोगों को हटाना उनके परिवारों के लिए विनाशकारी होगा और इससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
इससे एक दिन पहले अमेरिकी मीडिया ने अमेरिकी नागरिक एवं आव्रजन सेवाओं का पत्र प्रकाशित किया जिसमें ओबामा शासन के दौरान एच-4 वीजाधारकों को काम करने की अनुमति देने वाले अधिनियम को खत्म करने का फैसला लिया गया था। एच-4 वीजा धारकों में सबसे अधिक संख्या भारतीय पेशेवरों और ज्यादातर महिलाओं की है।
एच-4 वीजा उनको दिया जाता है जो एच-1 बी वीजाधारकों के पति या पत्नी हैं। कैलिफोर्निया के शीर्ष 15 सांसदों के एक समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि एच-4 वीजा से तकरीबन 1,00,000 लोगों को काम शुरू करने की अनुमति मिली और यह आगे उनके समुदायों में फैल गया।
लीवर फोटोनिक्स और एच-4 वीजाधारक डॉ. मारिया नवास मोरेनो ने कहा कि तकरीबन 1,00,000 एच-4 वीजाधारकों की काम करने की अनुमति को खत्म करने से जिसमें ज्यादा मेरे जैसी शिक्षित महिलाएं हैं, हमारे देश को नुकसान पहुंचेगा और हजारों अमेरिकी परिवारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हमें कानूनी आव्रजन की रक्षा करनी चाहिए इससे अमेरिका को आने वाली पीढ़ियों के लिए नवोन्मेष में आगे बने रहने में मदद मिलेगी। (भाषा)