प्रेरणा के अपार स्रोत स्वामी विवेकानंद की कही एक-एक बात हमें ऊर्जा से भर देती है। अपने अल्प जीवन में ही उन्होंने पूरे विश्व पर भारत और हिंदुत्व की गहरी छाप छोड़ी थी। शिकागो में दिया गया उनका भाषण जिसकी शुरुआत उन्होंने 'मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों' से की थी, वो आज भी विश्वभर में लोकप्रिय है और हमें हमारी समृद्ध और ग्रौरवषाली सांस्कृतिक विरासत का आभास कराता है। अपने जीवन का हर क्षण उन्होंने सेवा भाव में लगाया और इसी से कई लोगों को प्रभावित भी किया।
आज भी स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शों के कारण ही जाना जाता है। उन्होंने युवाओं को धैर्य, साहस, व्यवहारों की शुद्धता और संघर्षरत रहने का सन्देश हमेशा दिया है। बच्चो के लिए भी स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरणास्त्रोत के रूप में काम करते हैं। आइए जानते हैं स्वामी जी के कुछ अनमोल और प्रेरणादायी विचार-
1. उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
2. किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिए, और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिए।
3. हम जितना ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे।
4. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
5. सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर बार सत्य एक ही होगा।
6. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
7. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
8. अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए उतना बेहतर है।
9. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
10. विश्व एक व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
प्रस्तुति: अनुभूति निगम