भय्यू महाराज की बेटी का आरोप, फर्जी दस्तखत कर मुझे ट्रस्ट में शामिल किया
इंदौर (मध्य प्रदेश)। वर्ष 2018 में आत्महत्या करने वाले आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज की बेटी कुहू ने बुधवार को आरोप लगाया कि उन्हें उनके पिता के स्थापित श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट में उनके फर्जी दस्तखत के जरिए बतौर ट्रस्टी शामिल किया गया है।
उन्होंने ट्रस्ट में अलग-अलग गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए, जिससे भय्यू महाराज की विरासत से जुड़ी इस संस्था को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस ट्रस्ट की बेशकीमती संपत्तियां मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैली हैं।
कुहू (21) ने इंदौर कहा, मेरे आधार कार्ड के दुरुपयोग के साथ ही मेरे फर्जी दस्तखत कर मुझे मेरे पिता के स्थापित ट्रस्ट में ट्रस्टी बना दिया गया है, लेकिन ट्रस्ट की बैठकों, इसकी वित्तीय स्थिति और अन्य गतिविधियों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नए लोगों को ट्रस्ट में शामिल करने और पुराने लोगों को इससे बाहर निकालने में वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी (अब दिवंगत) से जन्मी बेटी कुहू ने यह भी कहा, मुझे अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस होता है। मुझे सुरक्षा की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट में चल रहीं गड़बड़ियों को लेकर वह अपने वकील से चर्चा कर उचित कानूनी कदम उठाएंगी। भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में दिल के दौरे के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी।
भय्यू महाराज की मौत के बाद आयुषी उनके स्थापित ट्रस्ट की प्रमुख हैं। ट्रस्ट को लेकर अपनी सौतेली बेटी कुहू के आरोपों को खारिज करते हुए आयुषी ने कहा, कुहू नासमझी के कारण ट्रस्ट के खिलाफ आरोप लगा रही हैं। ट्रस्ट में सबकुछ नियम-कायदों के हिसाब से चल रहा है।
भय्यू महाराज (50) ने इंदौर के बायपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून 2018 को उनके लायसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना के सात महीने बाद उनके दो विश्वस्त सहयोगियों-विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख के साथ एक युवती को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के मुताबिक भय्यू महाराज के नजदीक रही युवती आपत्तिजनक चैट और अन्य निजी वस्तुओं के बूते उन पर शादी के लिए दबाव बना रही थी, जबकि अधेड़ उम्र के आध्यात्मिक गुरु पहले से शादीशुदा थे। भय्यू महाराज की आत्महत्या का मुकदमा फिलहाल जिला अदालत में लंबित है।(भाषा)