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Atal bihari Vajpayee Poems
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अटल जी को बहुत स्नेह रहा अपने पप्पी से, लिखी थीं उन पर कविता, बबली, लौली कुत्ते दो, कुत्ते नहीं खिलौने दो
आपातकाल के दौरान स्वाधीनता दिवस पर यह कविता रची थी अटल जी ने...
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : आओ फिर से दिया जलाएं
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते
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कवि अटल जी की कविता : रोते-रोते रात सो गई
रोते-रोते रात सो गई
झुकी न अलकें
झपी न पलकें
सुधियों की बारात खो गई।
दर्द पुराना,
मीत न जाना,
बातों में ही प्रात: हो गई।
घुमड़ी बदली,
बूंद न निकली,
बिछुड़न ऐसी व्यथा बो गई।
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