धूम्रपान करने वाले हो सकते हैं मनोरोगी, जानें सच...
एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि धू्म्रपान करने वालों के शराब पीने और मनोरोग से पीड़ित होने का खतरा धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में अधिक होता है। यह शोध एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट ने किया। शोध में पता चला कि बड़ी संख्या में लोग तनाव कम करने या आनंद पाने के लिए इस आदत को अपना लेते हैं।
विश्व हृदय दिवस पर यह शोध ‘‘कार्डियोवेस्क्यूलर रोगों से पीड़ित लोगों में धू्म्रपान करने की वजह, इसे छोड़ने के लाभ’’ जारी किया गया। इसमें फरवरी 2016 से अगस्त 2017 के बीच 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के 2,951 मरीजों को शामिल किया गया है।इस शोध का उद्देश्य धूम्रपान करने वाले लोगों में एक पैटर्न तलाशना और परामर्श सूची तैयार कर यह बताना है कि इस आदत को छोड़ने पर शरीर को कितने समय में लाभ पहुंचता है।
एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन और एमडी रमाकांत पांडा ने कहा, ‘‘ डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि धूम्रपान के दुष्प्रभावों के बारे में पैकेट पर ग्राफिक में दर्शाई गई चेतावनी से लोग इस आदत से बच जाते हैं, इस तरह 78 देशों में ऐसे लोगों की संख्या 3.5 अरब है।’’ सर्वे बताता है कि धूम्रपान करने वालों के शराब पीने और मनोरोग से पीड़ित होने की आशंका अधिक होती है बनिस्पत उन लोगों के जो धूम्रपान नहीं करते। इसके अलावा शोध में बताया गया कि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति जागने के चार घंटे से भी कम समय में पहली सिगरेट पी लेता है।
आंकड़े बताते हैं कि 36.5 फीसदी लोग आदतन धूम्रपान करते हैं, 24.2 फीसदी तनाव कम करने के लिए और 22.2 फीसदी आनंद पाने के लिए सिगरेट थामते हैं। केवल 15.4 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें इसकी लत है। जब यह पूछा गया कि इस आदत को छोड़ने के लिए वे किस तरह प्रेरित हुए तो 67.7 फीसदी लोगों ने सेहत पर इसके असर को वजह बताया।