चिलचिलाती गर्मी में राहत चाहिए तो यह 7 बातें जरूर मानिए
ग्रीष्म ऋतु चल रही है। इस ऋतु में सूरज की तेज किरणों से मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतु, वनस्पतियां, नदी, तालाब, कुएं आदि प्रभावित हुए बिना नहीं रहते।
खासकर अप्रैल, मई एवं जून की गर्मी व्यक्ति को अधिक व्यथित करती है जिससे बचने के उपाय हमें करना अतिआवश्यक है। आप और हम निम्न उपायों को अपना कर काफी हद तक गर्मी की दस्तक से बच सकते हैं।
* इस मौसम में तेज लपट और झुलसा देने वाली गर्म हवा चलती है। इससे बचने के लिए जब भी हम घर से बाहर निकलें तो एक गिलास ठंडा पानी पीकर ही निकलें। चलते समय एक प्याज भी जेब में रख लें तो लू लगने से बचा जा सकता है।
* दिन भर में कम से कम 10 से 15 गिलास पानी अवश्य पिएं। पानी पीने में कोताही नहीं बरतें, क्योंकि इस मौसम में हमारे शरीर का पानी पसीने के जरिए बह जाता है। शरीर में पानी की कमी न होने पाए इसलिए पानी का अत्यधिक उपयोग जरूरी है।
* इस ऋतु में हमारी पाचन शक्ति अक्सर कमजोर हो जाती है। पाचन शक्ति ठीक से कार्य करे, इसके लिए तेज मिर्च-मसालेदार, तले हुए एवं गरिष्ठ भोजन से जहां तक हो सके परहेज करें। भूख से दो रोटी कम सेवन करें एवं पानी का उपयोग ज्यादा करें।
* तेज धूप से बचाव करके ही घर से निकलें। विशेषकर सिर एवं त्वचा को किसी भी तरह से बचाएं। इसके लिए टोपी, स्कॉर्फ या ग्लव्स या गमछे का प्रयोग करें।
* सूर्य की तेज धूप से आंखों को बचाने के लिए गहरे रंग के या सनग्लास चश्मों का प्रयोग हितकर होगा। अच्छी किस्म का सनस्क्रीन लोशन भी अवश्य प्रयोग में लाएं।
* प्रातः जल्दी उठकर ताजी वायु का सेवन अवश्य करें।
* गर्मी के मौसम में सूती वस्त्र ही पहनें, क्योंकि सूती वस्त्र पसीना सोखने में कारगर होते हैं। जहां तक हो सके, ठंडे पानी से ही स्नान करें।
कहा भी गया है कि स्वास्थ्य ही जीवन है और स्वास्थ्य ही धन है। अगर आपने अपने खान-पान, रहन-सहन पर इस मौसम में ध्यान रखें तो गर्मी को परास्त कर सकते हैं।