मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. High Screen Time Side Effects Problems Causes
Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (17:50 IST)

ज्यादा स्क्रीन टाइम बढ़ा रहा है हड्डियों की बीमारी! इस उम्र के लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा

स्क्रीन टाइम के कारण शरीर में बढ़ रही हैं ये समस्याएं, जानें कुछ बचाव के उपाय

High Screen Time Side Effects
High Screen Time Side Effects
High Screen Time Side Effects : आज के डिजिटल युग में, हर हाथ में स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देखने को मिलते हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, सभी स्क्रीन के दीवाने हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि 20 से 55 साल की उम्र के लोग गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण पीठ दर्द, गर्दन दर्द और रीढ़ की हड्डी में परेशानी का सामना कर रहे हैं। ALSO READ: Brain Clotting होने पर शरीर में दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे करें बचाव
 
20 से 45 साल की उम्र के लोगों में बढ़ रहा खतरा:
पिछले कुछ वर्षों में, गैजेट्स के ओवरयूज से पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं में तेजी से वृद्धि हुई है। 20 से 45 साल की उम्र के लोगों में इन समस्याओं में 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। जितना ज्यादा लोग गैजेट्स के आदी होते जा रहे हैं, उतना ही रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर पड़ रहा है। इस समस्या को नजरअंदाज करने पर गर्दन में दर्द, कंधे में अकड़न, सिरदर्द और शारीरिक गतिविधि में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अस्पताल आने वाले 10-12 मरीजों में से लगभग 4-5 मरीज गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण गर्दन और पीठ दर्द से परेशान होते हैं। ALSO READ: अपनी जीभ देखकर जानें सेहत का हाल! इस तरह के लक्षण देते हैं बीमारियों का संकेत
 
इन बीमारियों का बढ़ रहा है खतरा:
स्क्रीन के सामने बहुत अधिक समय बिताने से गर्दन में अकड़न, कंधे के ब्लेड में दर्द, शरीर में दर्द या सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यात्रा करते समय मोबाइल फोन का उपयोग करना या काम करते समय घंटों तक लैपटॉप का उपयोग करना, गलत तरीके से बैठना या लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहना पीठ दर्द का कारण बन सकता है।
High Screen Time Side Effects
High Screen Time Side Effects

जब हम गर्दन झुकाकर लंबे समय तक स्क्रीन देखते हैं तो इससे गर्दन, पीठ और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। सामान्य खड़े रहने की पोजीशन में गर्दन और पीठ सीधी रहती है; लेकिन गर्दन झुकाकर रखने से रीढ़ की हड्डी पर तनाव पड़ता है।
 
कैसे करें बचाव?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से बचने के लिए सावधानियां बरतना जरूरी है। अपनी रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाए रखने के लिए वेट लिफ्टिंग, योग, ध्यान, स्ट्रेचिंग और कार्डियो एक्सरसाइज करनी चाहिए। लंबे समय तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करने से बचें और बैठते समय आगे की ओर झुकने से बचें।

रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए सही पोजीशन में बैठना जरूरी है। अच्छी गुणवत्ता वाली कुर्सी का उपयोग करें, जो आपकी हड्डियों को ठीक बनाए रखने में मदद कर सके।
 
ऑफिस में काम करने वाले जरूर करें ये काम:
जो लोग एक जगह बैठकर ऑफिस में घंटों काम करते हैं, उन्हें काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने चाहिए। अपने बैठने की पोजीशन सही रखनी चाहिए और स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। ऐसा करने से रीढ़ और पीठ की समस्याओं से बचा जा सकता है।
 
डॉक्टरों का मानना है कि 20-50 वर्ष की आयु के लोगों में पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं 50 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। पांच में से कम से कम 2 से 3 मरीज पीठ दर्द से पीड़ित हैं। उन्हें जल्दी ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम करने की सलाह दी जाती है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ें
देश में बलात्कार की घटनाओं के पीछे पोर्न बड़ी वजह, क्यों सरकार नहीं लगा पा रही पोर्न पर कम्प्लीट बैन