हरिद्वार कुंभ मेले में 27 अप्रैल 2021 को है अंतिम शाही स्नान
कुंभ मेले में सामान्य स्नान और शाही स्नान की अलग अलग तिथियां होती हैं। पहले 14 जनवरी मकर संक्रांति का स्नान निकल गया। इसी तरह 11 फरवरी मौनी अमावस्या का, 16 फरवरी वसंत पंचमी का स्नान और 27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर सामान्य स्नान हो चुका है, 11 मार्च 2021 का प्रथम शाही स्नान भी हो चुका।
अब 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या का दूसरा शाही स्नान होगा। इसके बाद 14 अप्रैल का शाही स्नान होगा और अंत में 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा को अंतिम शाही स्नान होगा। 10 स्नान में से 4 शाही स्नान संतों का खास स्नान होता है।
1.पहला स्नान : 14 जनवरी मकर संक्रांति पर।
2. दूसरा स्नान : 11 फरवरी मोनी अमावस्या पर।
3. तीसरा स्नान : 16 फरवरी बसंत पंचमी पर।
4. चौथा स्नान : 27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर।
5. पांचवा स्नान : 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि पर। (शाही स्नान)
6. छठा स्नान : 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर। (शाही स्नान)
7.सातवां स्नान : 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को।
8. आठवां स्नान : 14 अप्रैल को बैसाखी पर। (शाही स्नान)
9. नौवां स्नान : 21 अप्रैल रामनवमी पर।
10. दसवां स्नान : 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर। (शाही स्नान)
हरिद्वार में गंगा नदी में, उज्जैन में शिप्रा नदी में, नासिक में गोदावरी और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर कुंभ का आयोजन होता है। हिंदू धर्मग्रंथ के अनुसार इंद्र के बेटे जयंत के घड़े से अमृत की बूंदे भारत में चार जगहों पर गिरी- हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग। उज्जैन को कुंभ को सिंहस्थ कहते हैं। धार्मिक विश्वास के अनुसार कुम्भ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने वाले लोगों के सभी पाप कट जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।