1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस : जानिए महत्व और खास तथ्य
इस वर्ष शुक्रवार, 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस है। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने की शुरुआत सन् 1990 में की गई थी। विश्व में बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अन्याय को रोकने के लिए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 14 दिसंबर 1990 को यह निर्णय लिया गया। तब यह तय किया गया कि हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा और 1 अक्टूबर 1991 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस या अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया।
वैसे तो वरिष्ठजनों या बुजुर्गों का सम्मान हर दिन, हर पल हमारे मन में होना चाहिए, लेकिन उनके प्रति मन में छुपे इस सम्मान को व्यक्त करने के लिए एवं बुजुर्गों के प्रति चिंतन की आवश्यकता के लिए औपचारिक तौर पर भी एक दिन निश्चित किया गया है। जो कि प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को आता है। हालांकि इसके पहले भी बुजुर्गों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए, उनके लिए इस तरह की पहल की जा चुकी थी। सन् 1982 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा, 'वृद्धावस्था को सुखी बनाइए' का नारा देकर 'सबके लिए स्वास्थ्य' अभियान शुरू किया।
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1991 में अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस की शुरुआत के बाद 1999 को 'अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग वर्ष' के रूप में मनाया गया था। इस दिन को पूरी तरह से बुजुर्गों के लिए समर्पित किया गया है। उनके लिए वृद्धाश्रमों में भी कई तरह के आयोजन किए जाते हैं और उनकी खुशी व सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाता है। खास तौर से उनकी सुविधाओं और समस्याओं पर विचार किया जाता है एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता से ध्यान दिया जाता है।
घर के बुजुर्गों को 'ओल्ड इज गोल्ड' भी कहा जाता है, क्योंकि बुजुर्ग हमारे लिए ईश्वर का अवतार होते हैं, जिनके आशीर्वाद से हमारा पालन पोषण होता है, उनके प्रति मन में सम्मान और अटूट प्रेम होना स्वभाविक सी बात है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण होता है, उस अवस्था में उनके साथ होना, जब वे असहाय और अक्षम होते हैं। यही उनके प्रति हमारे प्रेम और सच्ची श्रद्धा होती है। भले ही समयाभाव में यह हमेशा संभव न हो, लेकिन इस एक दिन हम उनके प्रति जितने समर्पित हो सकते हैं होना चाहिए, क्योंकि उन्हें सिवाए प्रेम के और कुछ नहीं चाहिए।
साथ ही हम सभी का कर्तव्य है कि हम ऐसी नौबत ही ना आने दे कि हमें वृद्धजन दिवस मनाना पड़ें। अत: हर नागरिक को चाहिए कि वो अपने घर के बुजुर्गों की देखभाल अच्छे से करें और उनका हर तरह से ध्यान रखें। जिस घर में बुजुर्ग होते हैं, उस घर की रौनक ही अलग होती है। अत: इस बात पर हमेशा ध्यान में रखना चाहिए उनसे ही हम हैं, वे ही हमारे उज्ज्वल भविष्य की कामना हर पल करते हैं, ऐसे में हमारा दायित्व बन जाता है कि घर का हर सदस्य उनकी देखभाल पूरे दिल से करें।