National Safety day 2022 : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सैनिकों का अभिवादन जरूर करें
हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं से रोकने के लिए कि जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना। नेशनल सेफ्टी डे को अब नेशनल सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। 4 मार्च से 10 मार्च तक सप्ताह के दौरान विभिन्न तरह के जागरूक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दुर्घटना से बचाव, आपदा से कैसे निपटें, आगजनी की घटना आगजनी की घटना जैसे विषयों पर जागरूक किया जाता है। सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना मुख्य उद्देश्य है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस यह दिवस देश के सिक्यूरिटी विभाग एवं उन सभी सोल्जर को जाता है, जो देश को सुरक्षा देते हैं। इन सैनिकों की बदौलत ही आज हम सभी चैन की सांस ले रहे हैं। सैनिकों के कारण ही देश में अमन, चैन और शांति रहती है। इस दिवस पर देश के सुरक्षाबलों का अभिवादन करना चाहिए।
जानें कब हुई राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत और क्यों हुई?
नेशनल सेफ्टी काउंसिल द्वारा यह पहल की गई थी।4 मार्च के ही दिन भारत में नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना हुई। इसलिए इस दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाने लगा। यह एक स्वशासी निकाय है, जो जनता की सेवा के लिए गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है। साल 1966 में इस संगठन की स्थापना मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत हुई थी। साल 1972 में इसे नेशनल सेफ्टी डे मनाने का निर्णय लिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम 2022
हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम प्रकाशित की जाती है। साल 2022 की थीम है “सुरक्षा संस्कृति के विकास हेतु युवाओं को प्रोत्साहित करें” (NURTURE YOUNG MINDS DEVELOP SAFETY CULTURE)।
सैनिकों का अभिवादन
जब देश पर कोई बड़ी आपदा आती है तो कमांडो, वायु सेना, जलसेना और थल सेना द्वारा नागरिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं। जब तक वे मुश्किल घड़ी से नहीं निकल जाते हैं तो उस बीच उनके पास राहत सामग्री, खाद्य सामग्री भी तेजी से पहुंचाई जाती है। कई बार बॉर्डर पर तैनाती के दौरान पड़ोसी देश द्वारा गोलीबारी से भी बचाव के लिए बॉर्डर पर रहते नागरिकों की जान बचाई जाती है। वर्तमान में सैनिकों द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बचाने का तेजी से प्रयास किया जा रहा है। उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जा रहा है। इस तरह सुरक्षा दिवस पर सैनिकों की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।