12 अगस्त : अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष '12 अगस्त' को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को युवा विश्व सम्मलेन के दौरान की गई सिफारिशों को मानते हुए 54/120 प्रस्ताव पारित किया गया। तथा प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। यह फैसला युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा 1998 में दिए गए सुझाव के बाद लिया गया था और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस आयोजन का आरंभ पहली बार सन् 2000 में किया गया था। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य है कि सरकार युवाओं के मुद्दों, उनकी समस्याओं और उनकी बातों पर ध्यान आकर्षित करे। युवाओं की आवाज, उनके कार्यों तथा युवाओं के द्वारा किए गए आविष्कार को दुनिया तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक वर्ष आज के दिन यह दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं की समस्या को अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार तक पहुंचाना और उनका निवारण करना है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य वर्तमान समय में जहां परिवर्तन अनेक उपलब्धियां, सुविधाएं लेकर आ रहा है, वहीं युवा वर्ग के लिए तीव्र गति से भागने की क्षमता की चुनौतियां भी आ रही है, जिस कारण युवा वर्ग अधिक क्षमतावान होकर तेजी से हो रहे परिवर्तन को समझ सके और नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर अपने कार्यशैली को परिवर्तित कर सके। वर्तमान समय में कोरोना के चलते हुए इस दिन ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित करके युवाओं को सामाजिक कार्य, राजनीतिक और आविष्कार करने वाले युवाओं को सम्मानित किया जा सके।
इस बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2021 (International Youth Day 2021 Theme) का विषय ट्रांसफॉर्मिंग फूड सिस्टम्स- यूथ इनोवेशन फॉर ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ (Transforming Food Systems: Youth Innovation for Human and Planetary Health) है, जिसका उद्देश्य वैश्विक प्रयास की सफलता युवाओं के भागीदारी के बिना हासिल नहीं की जा सकती, इस बात पर अधिक से अधिक प्रकाश डालना है। तथा इसके माध्यम से युवा विश्व को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से स्वयंसेवा करें। तथा यह माना जाता है कि केवल अधिक मात्रा में अधिक स्थायी रूप से भोजन का उत्पादन करने से मानव और ग्रहों की भलाई सुनिश्चित नहीं होगी। इसीलिए खाद्य प्रणालियों के परिवर्तन में जैव विविधता को एकीकृत करने, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य देखभाल, जैव विविधता संरक्षण, गरीबी में कमी और सामाजिक समावेशन सहित अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियां से निपट सके।