शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
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शहर से लेकर गांव तक क्‍यों आ रहा Silent heart attack, सीने में दर्द और मिनटों में मौत, क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर?

heart attack
उम्र चाहे 40 साल हो या 17 साल। इन दिनों हर किसी को हार्ट अटैक आ रहे हैं। यहां तक कि 7वीं कक्षा की 12 साल की बच्‍ची को और 6 साल के बच्‍चे को भी उसका हार्ट धोखा दे रहा है। हाल ही में इंदौर में एक हफ्ते में ही हार्ट अटैक से दो लोगों की मौत हो गई, इनमें से एक 40 साल से ज्‍यादा का शख्‍स तो वहीं एक 17 साल की छात्रा शामिल है। दोनों को खाना खाने के बाद सीने में दर्द हुआ और कुछ ही मिनटों में मौत हो गई। 14 दिसंबर को बॉलीवुड के मशहूर एक्टर श्रेयस तलपड़े को भी हार्ट अटैक आ गया था। जिसके बाद उन्हें तुरंत मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानते हैं क्‍या थे ये सभी मामले और डॉक्‍टर इस पर क्‍या कहते हैं।

केस -01
7वीं की बच्ची चलते-चलते गिरी
सृष्टि 12 साल की थी।  7वीं कक्षा की छात्रा। चिकमंगलुरु जिला, मुडिगेरी तालुका, सृष्‍टि गांव से स्कूल जा रही थी। बुधवार सुबह स्कूल पैदल जाते समय अचानक गिर गई, सब लोग उठाकर अस्पताल ले गए। मुडिगेरी अस्पताल लेकर गए, तब उसकी हार्टअटैक से मौत हो गई। घटना के बाद सभी हैरान है कि 12 साल की बालिका को कैसे हार्ट अटैक आ सकता है। डॉक्‍टरों ने बताया कि बच्‍ची को हार्ट अटैक आया था।

केस -02
17 साल की छात्रा, खाना खाया और चल बसी
इंदौर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र में खाना खाने के बाद कॉलेज छात्रा को तबियत बिगडने पर पसीना आया। परिजन ताबड़तोड़ बेटी को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत को संदिग्ध मान पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया है। अब तक की जांच में पुलिस को हार्ट अटैक से मौत की आशंका है।

परिजनों के मुताबिक वह बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी। रात को उसने खाना बनाकर परिजन को खिलाया था। खाना खाने के बाद अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी। इस बीच वह सीने में दर्द की बात कहती रही। पसीना आने के बाद वह अचानक बेसुध होने लगी। परिजन उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां जांच के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब तक की जांच में कार्डियेक अरेस्ट से छात्रा की मौत की बात सामने आई है।

केस -03
कैमरे में कैद हुई अटैक आई ‘मौत’   
इंदौर में ही मौत का ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देखकर हर कोई सिहर उठा है। होटल में एक व्यक्ति खाने की टेबल पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। तभी अचानक टेबल पर ही व्यक्ति को साइलेंट हार्ट अटैक आता है और वह मौत की नींद सो जाता है। मृतक व्यक्ति की पहचान कैलाश पटेल के रूप में हुई है। वहीं पूरा घटनाक्रम होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने बताया कि यह साइलेंट अटैक है और कई बार साइलेंट अटैक की ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। आज से लगभग 4 महीने पहले इंदौर से जयपुर जा रही एक निजी बस के कंडक्टर की भी अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई थी।
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केस -04
6 साल के विहान को दिल का दौरा
पिछले दिनों शहर के कंचनबाग क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी राहुल जैन के 6 वर्षीय इकलौते बेटे विहान जैन की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। उसका शरीर तप रहा था। जब पहले घर पर ही थर्मामीटर लगाकर चेक किया गया तो उसको बुखार नहीं था। हालांकि बदन बराबर तप रहा था। ऐसे में पहले इंदौर में डॉक्टर्स को दिखाया तो ट्रीटमेंट के बाद हालत में सुधार हुआ। बाद में उसे दिल्‍ली ले जाया गया, जहां विहान की तबियत एक बार फिर खराब हो गई। उसे आईसीयू में एडमिट किया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका। डॉक्टर्स के मुताबिक उसे कार्डियक अरेस्ट आया था।

अपोलो अस्‍पताल में कार्डियोलॉजिस्‍ट डॉ अखिलेश जैन ने वेबदुनिया को बताया फैमिली में हिस्‍ट्री रही हो तो उन्‍हें ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत है। जिन बडी उम्र के लोगों की खाना खाने के बाद अचानक मौत हो गई, उनका मान सकते हैं कि उन्‍हें हार्ट अटैक आया होगा, लेकिन अगर 12 साल और 17 साल के बच्‍चों में ऐसा हो रहा है तो यह जरूरी नहीं कि हार्ट अटैक हो। उन्‍हें कोई और भी बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए अर्दमिया यानि धड़कन का रूक जाना भी हो सकता है। हालांकि यह है तो हार्ट से ही संबंधी लेकिन हार्ट अटैक ही हो यह जरूरी नहीं।

साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है : साइलेंट हार्ट अटैक बेहद खतरनाक और जानलेवा होता है। इसमें ना तो छाती में किसी प्रकार का कोई दर्द होता है और ना ही सांस ऊपर-नीचे होती है। अचानक से यह दर्द के बाद आता है और व्यक्ति को मौत की नींद सो जाता है। डॉक्टरों की माने तो लगातार बढ़ती उम्र के साथ-साथ डायबिटीज, वजन, हार्ट डिजीज और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
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मेंटल प्रेशर और पियर प्रेशर है वजह
इंदौर के सीएचएल हॉस्‍पिटल के जाने माने डॉक्‍टर मनीष पोरवाल ने हमें बताया कि मैं इसे कोरोना या वैक्‍सीन से रिलेट नहीं करना चाहूंगा। वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट एक दो हफ्ते में खत्‍म हो जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि नौजवान लोगों में हार्ट अटैक की वजह मेंटल स्‍ट्रेस और पियर प्रेशर सबसे ज्‍यादा जिम्‍मेदार है। इस दौर में मानसिक तनाव बढ़ा है जो सीधे दिल पर असर डालता है। धड़कनें अव्‍यवस्‍थित हुई और तबियत बिगड़ी। वहीं, पियर प्रेशर में काम का दबाव, टारगेट पूरा करने दबाव, सुंदर दिखने और सबसे अच्‍छा करने का दबाव, अच्‍छे मार्क्‍स लाने का, स्‍मार्ट दिखने का प्रेशर शामिल है। इसके साथ स्‍मोकिंग की हेबिट बढ़ी है, ज्‍यादा व्‍यायाम करने से हार्ट रेट बढ़ जाती है, इससे धड़कन असामान्‍य हो जाती है और हार्ट रूक जाता है। उन्‍होंने एक बहुत महत्‍वपूर्ण बात बताते हुए कहा कि इसके साथ ही लोग कोरोना काल के दौरान दो साल तक घरों में कैद रहे, जिससे कई अलग अलग बीमारियों के मरीज डायग्‍नोज्‍ड नहीं हो पाए, ऐसे में अब उस अंतराल की वजह से उसके इफेक्‍ट सामने आ रहे हैं। वहीं, अब हमें अपनी लाइफस्‍टाइल सुधारने की जरूरत है।

क्‍या तनाव है कारण : क्‍या कहते हैं मनोचिकित्‍सक?
ख्‍यात मनोचिकित्‍सक डॉ वीएस पाल ने वेबदुनिया को बताया कि तनाव हमारी पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसका मतलब यह है कि हमारा शरीर विषम परिस्‍थिति के लिए तैयार हो जाता है। रक्‍त का प्रवाह मसल्‍स में ज्‍यादा होता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ब्‍ल्‍ड प्रेशर बढ़ जाता है अगर यह ज्‍यादा समय तक रहता है तो यह बीमारी के लिए जिम्‍मेदार मानी जाती है। यह तनाव दिल, दिमाग, पेट सभी तरह के अंगों को प्रभावित करता है।
जहां तक युवाओं में हार्ट अटैक की बात है तो इन दिनों युवा ज्‍यादा तनाव में रहते हैं अलग- अलग कारणों से। तनाव के समय में हार्ट को ब्‍लड की मांग ज्‍यादा रहती है, ऐसे में अगर यह लंबे समय तक मांग रहे तो दिल को प्रभावित कर सकता है। इसलिए हार्ट अटैक का संबंध हमारी लाइफस्‍टाइल से भी होता है।

हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए क्‍या करें
  • रोजाना 40 मिनट में 3 किमी तक वॉक करना चाहिए।
  • अमेरिकन हार्ट ऐसोशिएशन के मुताबिक एक हफ्ते में 300 मिनट से ज्‍यादा व्‍यायाम करना खतरे से खाली नहीं है।
  • एक्‍सरसाइज 3 तरह की होती है। माइल्‍ड, मोडेटस्‍ट और सिवियर।
  • इन तीनों व्‍यायाम में से अपनी उम्र और क्षमता के मुताबिक चुनें।
  • किसी भी तरह की व्‍यायाम के पहले अपने डॉक्‍टर की सलाह लें।
  • फूड और लाइफस्‍टाइल भी संयमित रखें।
  • स्‍मोकिंग, एल्‍कोहल और फास्‍ट फूड से दूर रहें।
  • ऑफिस और घर का तनाव न लें।
  • समय- समय पर सेलिब्रेट करें।
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