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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 13 मई 2024 (14:29 IST)

Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी का व्रत क्यों है सबसे कठिन?

Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी का व्रत क्यों है सबसे कठिन? - Mohini Ekadashi 2024 vrat vidhi
Mohini Ekadashi : वैशाख के महीने में दो एकादशी आती है जिनके नाम हैं वरुथिनी और मोहिनी। इस बार 19 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को सबसे कठिन व्रत क्यों समझा जाता है जबकि निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन होता है। आओ जानते हैं कुछ खास जानकारी।
  1. एकादशी तिथि प्रारम्भ- 18 मई 2024 को सुबह 11:22।
  2. एकादशी तिथि समाप्त- 19 मई 2024 को शाम 01:50।
  3. उदयातिथि के अनुसार 19 मई को यह एकादशी रखी जाएगी।
 
Mohini Ekadashi : वरुथिनी जहां सौभाग्य देकर सब पापों को नष्ट करके मोक्ष देती हैं, वहीं मोहिनी एकादशी शादी के बंधन से जोड़कर सुख-समृद्धि और शांति देती है तथा मोह-माया के बंधन से भी मुक्त करती है। मोहिनी एकादशी का व्रत श्री हरि विष्णु जी की अन्नय कृपा पाने के लिए रखते हैं। इस दिन विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए इस कठिन व्रत को रखते हैं।
 
  • यदि आप मोहिनी एकादशी का व्रत रखने जा रहे हैं तो आपका उद्येश्य स्पष्ट होना चाहिए।
  • यदि आप मोहिनी एकादशी का व्रत रखने जा रहे हैं तो व्रत के नियम का पालन करना जरूरी है।
  • व्रत के दौरान विधिवत रूप से श्री हरि विष्णु जी के मोहिनी रूप की पूजा करना चाहिए।
  • इस व्रत का प्रारंभ एकादशी तिथि के प्रारंभ होने से पूर्व ही हो जाता है और एकादशी तिथि के समापन के बाद उदित सूर्य उदय पर इसका पारण करना चाहिए।
Mohini Ekadashi 2024
इस एकादशी का व्रत 5 दिनों तक चलता है?
1. स्कंद पुराण के अनुसार एकादशी के दिन समुद्र मंथन से अमृत प्रकट हुआ था।
2. फिर इसके दूसरे दिन यानी द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु ने उस अमृत की रक्षा के लिए मोहिनी रूप अवतार लिया था।
3. त्रयोदशी तिथि को भगवान विष्णु ने सभी देवताओं को अमृतपान कराया था।
4. इसके बाद चतुर्दशी तिथि को देव विरोधी दैत्यों का संहार किया था।
5. पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य मिला था।
6. यही कारण है कि इन 5 दिनों तक भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं। इसके बाद ही एकादी का पुण्यफल प्राप्त होता है।
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