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ईद-उल-अजहा मनाने से पूर्व जान लीजिए, शरीयत में दी गई है ये सलाह

ईद-उल-अजहा मनाने से पूर्व जान लीजिए, शरीयत में दी गई है ये सलाह - Eid Ul Adha Festival
Eid al-Adha 2020
मुसलमानों के लिए अल्लाह ने खुशी मनाने के लिए साल में मुकर्रर दो ईद में से एक ईदुल-अजहा है। ईद-उल-अजहा पैगंबर हजरत इब्राहीम अलेहिस्सलाम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माईल अलैय सलाम की कुर्बानी देने की यादगार है। 
 
यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों ही धर्म के पैगंबर हजरत इब्राहीम ने कुर्बानी का जो उदाहरण दुनिया के सामने रखा था, उसे आज भी परंपरागत रूप से याद किया जाता है।
 
अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहीम अलेहिस्सलाम ने जब अपने बेटे इस्माईल अलेहिस्सलाम को कुर्बान करने की तैयारी की, जिसे अल्लाह ने कबूल कर लिया। अल्लाह को उनकी यह अदा इतनी पसंद आई कि पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लाहो-अलैह व सल्लम की उम्मत पर इसे वाजिब करार दे दिया। 
 
पैगंबर साहब ने फरमाया था कि कुर्बानी के जानवर कयामत के दिन पुल-सरात की सवारियां होंगी। 
 
कुर्बानी का तरीका :
 
* कुर्बानी का जानवर तंदुरुस्त, बिना कोई ऐब वाला होना चाहिए।
 
* कुर्बानी करते वक्त जानवर को किबला रुख लिटाकर दुआ पढ़ते हुए कुर्बानी करना चाहिए।
 
* कुर्बानी के गोश्त के तीन बराबर हिस्से करना चाहिए, जिनमें से एक खुद के घर के लिए, दूसरा रिश्तेदारों व दोस्तों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए होना चाहिए।

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