नई दिल्ली। देशभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में तेजी से वृद्धि होने के बीच केंद्र ने बुधवार को घबराहट को दूर करने का प्रयास करते हुए एक तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया जिसमें दर्शाया गया है कि कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में पीड़ितों की जनसांख्यिकी व गंभीरता पहली लहर के लगभग समान है।हालांकि सरकार ने आगाह किया कि कोविड ग्राफ में अभी तक गिरावट का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है।
इस बीच सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोविड टीकों की पहली खुराक लेने के बाद 21,000 से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हो गए जबकि 5,500 से अधिक लोग दूसरी खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को कहा कि 146 जिलों में कोविड-19 की सकारात्मकता दर 15 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है जबकि 274 जिलों में यह दर पांच से 15 प्रतिशत के बीच रही है।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, हम महामारी की दूसरी लहर के बीच में हैं और मामलों में वृद्धि हो रही है। हम यह नहीं बता सकते कि संख्या में कब कमी आएगी। भूषण ने आंकड़े पेश करते हुए कहा, पहली लहर में 10-20 साल के आयु वर्ग में कोरोनावायरस के 8.07 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 8.50 प्रतिशत दर्ज की गई। पहली लहर में 20-30 साल के आयु वर्ग में 20.41 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे जबकि दूसरी लहर में 19.35 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 30 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में 67.5 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 69.18 प्रतिशत रही। नए आंकड़े देशभर में फैली इस चिंता के बीच जारी किए गए हैं कि दूसरी लहर अधिक नुकसान पहुंचाने वाली है और इसमें अधिक तबाही हो सकती है।
यह पूछे जाने पर कि आसन्न दूसरी लहर को लेकर क्या हम तैयार नहीं थे, भूषण ने कहा, आज इस पर गौर करने का समय नहीं है कि हम क्यों चूक गए या क्या हमसे चूक हुई, क्या हमने तैयारी की। आज समय संयुक्त रूप से महामारी का सामना करने का है और एक बार इससे सफलतापूर्वक बाहर आ जाने के बाद आपके और अन्य विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस संबंध में विचार-विमर्श करेंगे।
भूषण ने कहा, आज केंद्र और राज्य सरकार की सारी ऊर्जा सहयोगात्मक तरीके से इससे निपटने पर केंद्रित हैं ताकि कीमती जीवन को बचाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत हो।
आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 30-40 वर्ष के आयु वर्ग में संक्रमण के 21.05 प्रतिशत मामले सामने आए जबकि दूसरी लहर में 21.15 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। 40-50 वर्ष के आयु वर्ग में पहली लहर में 17.16 प्रतिशत मामले सामने आए जबकि दूसरी लहर में 17.50 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। 50-60 वर्ष के आयु वर्ग में पहली लहर में 14.80 प्रतिशत और दूसरी लहर में 15.07 प्रतिशत मामले सामने आए।
आंकड़ों के अनुसार 2020 और 2021 में हुई मौतों की आयु-वार तुलना से स्पष्ट होता है कि पहली लहर में 10 साल से कम उम्र के बच्चों की कोविड मौतों की दर 0.27 प्रतिशत रही जबकि दूसरी लहर में यह दर 0.34 प्रतिशत दर्ज की गई। इसी प्रकार 10-20 वर्ष के आयु वर्ग में पहली लहर में 0.53 प्रतिशत और दूसरी लहर में 0.31 प्रतिशत मौतें हुईं।
आईसीएमआर के महानिदेशक भार्गव ने कहा कि 17,37,178 व्यक्तियों ने कोवैक्सीन की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से 0.04 प्रतिशत लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। वहीं कोविशिल्ड की दूसरी खुराक लेने वाले 1,57,32,754 लोगों में से 0.057 प्रतिशत लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं। भार्गव ने कहा कि टीके संक्रमण के जोखिम को कम करते हैं और मृत्यु तथा गंभीर संक्रमण को रोकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि टीकाकरण के बाद भी कोई संक्रमण हो जाता है तो इसे भेदन संक्रमण कहा जाता है। भार्गव ने कहा कि अब तक कोवैक्सीन की 1.1 करोड़ खुराकें दी गई गई हैं। इनमें से 93 लाख लोगों को पहली खुराक मिली और उनमें से 4,208 लोग (0.04 प्रतिशत) लोग संक्रमित हो गए जो प्रति 10,000 की आबादी पर चार है।उन्होंने कहा कि करीब 17,37,178 लोगों ने दूसरी खुराक ली है और उनमें से केवल 695 लोग (0.04 प्रतिशत) कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए।
भार्गव ने कहा कि कोविशिल्ड की 11.6 करोड़ खुराकें दी गई हैं। दस करोड़ लोगों को पहली खुराक दी गई और 17,145 यानी प्रति 10,000 लोगों में से दो लोगों को संक्रमण हुआ। करीब 1,57,32,754 व्यक्तियों ने इस टीके की दूसरी खुराक ली और उनमें से 5,014 (0.03 प्रतिशत) संक्रमित हुए। प्रति 10,000 लोगों पर दो से चार में भेदन संक्रमण हुआ है जो बहुत कम संख्या है।
आंकड़ों के अनुसार, 5,709 लोग टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद संक्रमित हो गए। उन्होंने कहा, यह छोटी संख्या है और चिंताजनक नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि टीकाकरण के बाद भी जोखिम है इसलिए हम टीकाकरण के बाद भी लोगों को कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने पर जोर देते हैं।
देश में ऑक्सीजन की कमी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि देश में प्रति दिन 7,500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है और 6,600 मीट्रिक टन की आपूर्ति राज्यों को चिकित्सीय उपयोग के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा, अभी हमने निर्देश जारी किए हैं कि कुछ उद्योगों को छोड़कर, उद्योगों की ऑक्सीजन आपूर्ति को सीमित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक ऑक्सीजन चिकित्सीय उपयोग के लिए उपलब्ध हो सके।(भाषा)